मोदी सरकार के 365 दिन : कांग्रेस बोली- अच्छे दिन सिर्फ उद्योगपतियों के
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मोदी सरकार के 365 दिन : कांग्रेस बोली- अच्छे दिन सिर्फ उद्योगपतियों के

केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की पहली वषर्गांठ की पूर्वसंध्या पर कांग्रेस ने कई मोर्चों से निशाना साधते हुए कहा कि अच्छे दिन सिर्फ सरकार के नजदीकी उद्योगपतियों के आए हैं तथा उसने सरकार पर देश के लोकतांत्रिक बुनियाद को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।

नई दिल्ली/वाराणसी : केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की पहली वषर्गांठ की पूर्वसंध्या पर कांग्रेस ने कई मोर्चों से निशाना साधते हुए कहा कि अच्छे दिन सिर्फ सरकार के नजदीकी उद्योगपतियों के आए हैं तथा उसने सरकार पर देश के लोकतांत्रिक बुनियाद को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने लोकसभा में बहुमत होने के बावजूद बड़े सुधार नहीं करने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और रोजगार सृजन के मुद्दे पर जीरो नंबर दिया। मोदी सरकार का एक साल पूरा होने पर चिदंबरम ने कहा कि अब तक का कार्यकाल अवसर चूकने जैसा था क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बावजूद सुधार करने में विफल रही है।

उन्होंने कहा, ‘आपने प्रत्यक्ष कर संहिता को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया। आपने सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी को क्यों छोड़ दिया। आप वित्तीय क्षेत्र कानूनी सुधार आयोग के प्रस्तावों को क्यों नहीं लागू कर रहे हैं। ये निश्चित रूप से आवश्यक हैं।’ चिदंबरम ने चेताया कि यदि रिण में वृद्धि और मांग नहीं बढ़ती है एवं निजी परियोजनाएं अटकी रहती हैं तो निवेशक नहीं आएंगे।

अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, ‘जब ऋण की दर कई सालों के सबसे निचले स्तर पर हो, जब मांग सुस्त बनी रहे और जब निजी क्षेत्र की 585 परियोजनाएं अटकी हों तो निवेशक कैसे आएंगे।’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर देश की लोकतांत्रिक बुनियाद को कमजोर करने और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह ‘भाजपा सरकार’ नहीं ‘मोदी सरकार’ है।

रमेश ने मोदी सरकार के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए उसे ‘अहंकारी वन मैन शो’ करार दिया जहां मंत्रियों के कोई मायने नहीं है और जहां मंत्रालयों का कोई मतलब नहीं है। रमेश ने मोदी सरकार के अब तक के प्रदर्शन पर अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री होने के बावजूद मोदी तमाम अन्य मंत्रालयों के प्रभारी मंत्री हैं और उनकी सरकार के दूसरे सभी मंत्री महज मूक दर्शक हैं। सभी फैसले मोदी ही लेते हैं।’

रमेश ने कहा, ‘मोदी देश की लोकतांत्रिक बुनियाद कमजोर कर रहे हैं और जो उनकी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं उन्हें धमकाया जा रहा है। एनजीओ और नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं को जांच और कार्रवाइयों से धमकाया जा रहा है।’ चंडीगढ़ में कांग्रेस नेता शकील अहमद ने पिछले वर्ष के चुनावों से पहले मोदी और भाजपा द्वारा लोगों से ‘अच्छे दिन’ के वादे करने की आलोचना करते हुए कहा, ‘अच्छे दिन उद्योगपतियों जैसे लोगों के लिए आए होंगे जिन्हें दो फीसदी की दर पर ऋण मिलता है और बैंकों के अध्यक्ष उनका साथ देते हैं। जो लोग दस लाख का सूट पहनते हैं उनके अच्छे दिन आ गए हैं।’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने भाजपा नीत राजग सरकार का एक साल पूरा होने पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का मेक इन इंडिया अभियान एक खोखली पहल है क्योंकि उनकी सरकार वैश्विक प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों से निबटने में विफल रही है। माकन ने मुंबई में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हर उपयुक्त अवसर पर मेक इन इंडिया पहल पर बल देने के बावजूद यह बस नारा बनकर रह गया है।’

उन्होंने कहा कि केंद्र ने विनिर्माण के क्षेत्र में मांग के सिलसिले में वैश्विक प्रतिस्पर्धा पैदा करने, कर ढांचे को नया रूप प्रदान करने, निर्माण में काम आने वाली सामग्रियों की ऊंची कीमत घटाने की चुनौतियों और ढुलाई संबंधी मुद्दों का हल करने के लिए कुछ नहीं किया।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इंदौर में कहा कि राजग सरकार ने कालेधन के मुद्दे पर मतदाताओं के साथ विश्वासघात किया है। पार्टी की एक और नेता शोभा ओझा ने रायपुर में कहा कि मोदी सरकार में ‘आर्थिक दृष्टिकोण’ का अभाव है।
अहमदाबाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर नाकाम रही है।

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