Cabinet Meeting: बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में बड़ा फैसला लिया गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जानकारी देते हुए बताया कि सरकार जल्द ही जातिगत जनगणना कराएगी.
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Caste Census: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया है. जाति जनगणना, मूल जनगणना में ही शामिल होगी. हालांकि जनगणना कब से सुरू होगी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले साल यानी 2026 के आखिर तक सरकार यह फैसला ले सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें कई अहम फैसले लिए गए.
केंद्रीय मेंत्री ने कहा,'1947 से जाति जनगणना नहीं की गई. मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना की बात कही थी. कांग्रेस ने जाति जनगणना की बात को केवल अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है.' उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने जातिगत जनगणना के हमेशा विरोध किया है. कांग्रेस और उनके सहयोगी जातिगत जनगणना को अपने राजनीतिक लाभ के लिये उठाया है. जातियों की जनगणना सर्वे के आधार पर नहीं बल्कि मूल जनगणना में हो. उन्होंने बताया कि CCPA ने फैसला लिया है कि जातियों की गणना को जनगणना में किया जाएगा.
#WATCH | Delhi | "Cabinet Committee on Political Affairs has decided today that Caste enumeration should be included in the forthcoming census," says Union Minister Ashiwini Vaishnaw on Union Cabinet decisions. pic.twitter.com/0FtK0lg9q7
— ANI (@ANI) April 30, 2025
वैष्णव ने कहा कि जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है और यह केंद्र का विषय है. हालांकि कई राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की जनगणना की है. जहां कुछ राज्यों में यह कार्य सुचारू रूप से संपन्न हुआ, वहीं कुछ अन्य राज्यों ने राजनैतिक दृष्टि से और गैरपारदर्शी ढंग से सर्वे किया. वैष्णव ने आगे कहा कि इस प्रकार के सर्वें से समाज में भ्रांति फैली है. इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारा सामाजिक ताना बाना राजनीति के दबाव में न आए, जातियों की गणना एक सर्वें के स्थान पर मूल जनगणना में ही सम्मिलित होनी चाहिए.
कैबिनेट की बैठक में मेघालय के शिलांग के पास मावलिंगखुंग से असम के सिलचर के पास पंचग्राम तक एक नए ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी गई है. यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग-6 (एनएच-6) के तहत कुल 166.80 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर होगा, जिसे हाइब्रिड एन्यूटी मोड के अंतर्गत बनाया जाएगा. इस परियोजना की कुल लागत 22,864 करोड़ रुपये आंकी गई है.
कैबिनेट ने गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है. 2025-26 चीनी सत्र के लिए गन्ने की एफआरपी दर 355 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. यह दर 10.25 फीसदी की बेसिक रिकवरी दर पर आधारित है. इसके अलावा रिकवरी दर में हर 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी पर 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम मिलेगा, जबकि 0.1 फीसदी की कमी पर उतनी ही राशि की कटौती की जाएगी. सरकार का यह फैसला गन्ना किसानों की आय सुनिश्चित करने और चीनी मिलों के साथ संतुलन बनाए रखने की दिशा में उठाया गया कदम है.
(इनपुट-आईएएनएस)