Suresh Gopi Kerala BJP: देश के नई सरकार धीरे-धीरे अपने काम में लग गई है. एनडीए की टीम यानि कि पीएम मोदी के मंत्री अपना कामकाज संभाल चुके हैं. इसी बीच केरल से एकमात्र बीजेपी सांसद और हाल ही में केंद्रीय मंत्री बने नेता उस समय चर्चा में आ गए हैं जब उन्होंने इंदिरा गांधी की तारीफ कर दी है. असल में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मदर ऑफ इंडिया करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने केरल कांग्रेस के दिवंगत नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरण को साहसी प्रशासक बताया है.


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दरसअल, बीजेपी नेता सुरेश गोपी ने करुणाकरण और मार्क्सवादी नेता ई.के. नयनार को अपना राजनीतिक गुरु बताया. गोपी केरल के पुनकुन्नम स्थित करुणाकरण के स्मारक मुरली मंदिर जाने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे. दिलचस्प बात है कि सुरेश गोपी ने करुणाकरण के बेटे एवं कांग्रेस नेता के मुरलीधरन को त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से हराया है. मुरलीधरन 26 अप्रैल के चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले में तीसरे स्थान पर रहे थे. 


स्पष्ट किया- कोई राजनीतिक मतलब नहीं


सुरेश गोपी ने मीडियाकर्मियों से करुणाकरण स्मारक के उनके दौरे का कोई भी राजनीतिक मतलब नहीं निकालने का आग्रह करते हुए कहा कि वह यहां अपने गुरु को श्रद्धांजलि देने आए हैं. उन्होंने कहा कि नयनार और उनकी पत्नी शारदा टीचर की तरह उनके करुणाकरण और उनकी पत्नी कल्याणीकुट्टी अम्मा के साथ भी घनिष्ठ संबंध थे. वह 12 जून को कन्नूर में नयनार के घर भी गये थे. गोपी ने कहा कि वह इंदिरा गांधी को मदर ऑफ इंडिया मानते हैं, जबकि करुणाकरण उनके लिए ‘‘राज्य में कांग्रेस पार्टी के पिता’’ थे.


करुणाकरण की भी जमकर तारीफ


हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि करुणाकरण को केरल में कांग्रेस का पिता बताना किसी भी पार्टी के संस्थापकों या सह-संस्थापकों के प्रति कोई अनादर नहीं है. अभिनेता से नेता बने सिंह ने कांग्रेस के दिग्गज नेता की प्रशासनिक क्षमताओं की भी सराहना की और उन्हें अपनी पीढ़ी का साहसी प्रशासक करार दिया. सुरेश गोपी ने कहा कि हालांकि उन्होंने 2019 में भी मुरली मंदिर जाने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन दिग्गज नेता की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल ने राजनीतिक कारणों से उन्हें मना किया.


त्रिशूर से जीते हैं सुरेश गोपी 


दिलचस्प है कि वेणुगोपाल हाल ही में भाजपा में शामिल हो गई हैं. फिलहाल सुरेश गोपी शहर के प्रसिद्ध लॉर्डे माता चर्च भी गए और प्रार्थना की. गोपी ने त्रिशूर लोकसभा सीट जीतकर केरल में भाजपा का खाता खोला है. इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय रहा जिसमें कांग्रेस, भाजपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर हुई और अंत में गोपी के हाथ बाजी लग गई.