DNA: जाति मिटाने का 'भागवत मंत्र', भारत में क्या है इनका इतिहास? मुस्लिमों में कितनी हैं जातियां
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DNA: जाति मिटाने का 'भागवत मंत्र', भारत में क्या है इनका इतिहास? मुस्लिमों में कितनी हैं जातियां

Muslims Jatiyan:  वर्ष 1931 में हुई जातीय जनगणना के मुताबिक देश में जातियों की कुल संख्या 4,147 है. वर्ष 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट का आधार भी जातियों की यही संख्या थी. हालांकि वर्ष 1901 में हुए कास्ट सेंसस में 1,646 जातियों की पहचान की गई थी. 

DNA: जाति मिटाने का 'भागवत मंत्र', भारत में क्या है इनका इतिहास? मुस्लिमों में कितनी हैं जातियां

Cast System in Muslims: सरकार एक देश, एक विधान के जरिए देश के हर समुदाय को जोड़ने की कोशिश कर रही है, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ,जातियों के फासले को मिटाने की कोशिश में जुटी है. इसी कोशिश में RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने नया नारा-नया मॉडल दिया है. उन्होंने हिंदू समाज से एक मंदिर, एक कुआं, और एक श्मशान के सिद्धांत को अपनाकर सामाजिक एकता को मजबूत बनाने की अपील की है. भारत में जाति का मुद्दा बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा है.. हर चुनाव में जाति से जुड़ा कोई न कोई मुद्दा उठाया जाता है.

भारत में कब कितनी जातियां

 वर्ष 1931 में हुई जातीय जनगणना के मुताबिक देश में जातियों की कुल संख्या 4,147 है. वर्ष 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट का आधार भी जातियों की यही संख्या थी. हालांकि वर्ष 1901 में हुए कास्ट सेंसस में 1,646 जातियों की पहचान की गई थी. वर्ष 1961 से 2001 तक जो जनगणना हुई, उसमें सरकार ने जातिगत जनगणना से दूरी बनाए रखी... वर्ष  2011 की जनगणना में पहली बार जाति आधारित आंकड़े इकट्ठा किए गए. लेकिन इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया. हिंदू धर्म में जातियों का विश्लेषण आपने जान लिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुस्लिमों में कितनी जातियां होती हैं.

मुसलमानों में कितनी जातियां

भारत में मुसलमान जातियों के तीन समूहों में बंटे हुए हैं. इनमें पहले समूह को अशराफ कहते हैं. दूसरा समूह अज़लाफ कहलाता है.जबकि तीसरा समूह अरजाल कहलाता है. अशराफ समूह में  सैयद, शेख, पठान जातियां आती हैं, जिन्हें मुस्लिम समाज में ऊंची या अगड़ी जातियों का दर्जा मिला हुआ है. मुसलमानों में दूसरा जातीय समूह अज़लाफ है.. इनमें अंसारी, कुरैशी, राइन, गद्दी और मंसूरी जाति शामिल है. इन्हें आप पिछड़ी जाति कह सकते हैं. 

इन्हें पसमांदा मुस्लिम भी कहा जाता है. पसमांदा का मतलब पिछड़ा या बैकवर्ड होता है. मुसलमानों में तीसरा समूह अरज़ाल है. इसमें हलालखोर, रज्जाक और हवारी जैसी जातियां शामिल  हैं. ये जातियां समाज के निचले पायदान पर आती है. जिस अलीगढ़ में  सरसंघचालक मोहन भागवत ने जाति मिटाने का नया मंत्र दिया. वहीं वो 6 साल के विभोर शर्मा से मिलने उसके घर भी गए विभोर पिछले एक साल से संघ की  शिशु शाखा में जा रहा है और दंड संचालन में माहिर है.

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