PF राशि को शेयर बाजार में लगाना सही दिशा में उठाया गया कदम: सरकार
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PF राशि को शेयर बाजार में लगाना सही दिशा में उठाया गया कदम: सरकार

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कोष के प्रबंधन में कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस कोष के कुछ हिस्से को शेयर बाजार में लगाना सही दिशा में उठाया गया एक कदम है तथा दीर्घकाल में इससे अच्छा लाभ प्राप्त होगा।

PF राशि को शेयर बाजार में लगाना सही दिशा में उठाया गया कदम: सरकार

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कोष के प्रबंधन में कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस कोष के कुछ हिस्से को शेयर बाजार में लगाना सही दिशा में उठाया गया एक कदम है तथा दीर्घकाल में इससे अच्छा लाभ प्राप्त होगा।

श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने राज्यसभा में इस विषय पर लाये गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर पूछे गये स्पष्टीकरणों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने 2015 को एक अधिसूचना निकाली थी जिसके अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि से पांच से 15 प्रतिशत राशि का शेयर बाजार में निवेश किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अगस्त 2015 से वृद्धिशील आवंटन एक्सचेंज (ईटीएफ) में निवेश शुरू किया था। उन्होंने कहा कि जून 2016 तक कुल 7,468 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।

श्रम मंत्री ने कहा कि 30 जून 2016 तक इस प्रकार के निवेश पर कुल प्राप्ति 7.45 प्रतिशत हुई है।

उन्होंने कहा कि सरकार निफ्टी में 75 प्रतिशत और सेंसेक्स आधारित शेयरों में 25 प्रतिशत राशि का निवेश करती है। उन्होंने कहा कि निफ्टी में किये गये निवेश पर अच्छी आय हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दीर्घकालिक लाभ के लिए शेयरों में निवेश का फैसला किया है जो सही दिशा में उठाया गया एक कदम है।

उन्होंने कहा कि लोक भविष्य निधि कानून 1952 के पैरा पांच के अनुसार केन्द्र सरकार की अधिसूचना के तहत ईपीएफ राशि का शेयरों में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार कर्मचारी भविष्य निधि के मामले में कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि शेयर बाजार में धन निवेश करना कैसिनो की तरह जुआ खेलना नहीं है। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में देश की सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियां शामिल हैं जो देश का गौरव हैं। इससे पहले इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण पूछते हुए अधिकतर दलों के सदस्यों ने कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को शेयर बाजार में लगाने से उसके डूब जाने की आशंका जतायी और सरकार से जानना चाहा कि क्या वह हानि की स्थिति में कोई गारंटी दे सकती है।

कांग्रेस के अहमद पटेल ने कहा कि ईपीएफओ के न्यासी मंडल की आपत्ति के बावजूद सरकार ने इस धन को शेयर बाजार में निवेश का फैसला किया। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार में यह फैसला वैकल्पिक था।

माकपा के तपन सेन ने सरकार से जानना चाहा कि यह फैसला लेते समय त्रिपक्षीय समिति की राय क्यों नहीं जानी गयी जबकि भविष्य निधि कानून में इसका प्रावधान है।

माकपा के ही टी के रंगराजन ने कहा कि ईपीएफ कर्मचारियों का धन है तथा सरकार ने किस कानून के तहत उनके धन को शेयर बाजार में निवेश करने का फैसला लिया।

कांग्रेस के शांताराम नाइक, आनंद भास्कर रापोलू, राजीव शुक्ला, दिग्विजय सिंह एवं मधुसूदन मिस्त्री, भाकपा के डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक टीकेएस इलानगोवन, भाजपा के सत्यनारायण जटिया, अन्नाद्रमुक की विजला सत्यनाथन, बसपा के वीर सिंह, जदयू के हरिवंश, बीजद के दिलीप तिर्की, सपा के नरेश अग्रवाल तथा मनोनीत के टीएस तुलसी ने कर्मचारियों की भविष्य निधि की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न स्पष्टीकरण पूछे।

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