अधिकारियों ने बताया कि माना जा रहा है कि उनसे आईएनएक्स मीडिया मामले में पूछताछ की जाएगी.
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नई दिल्लीः पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम धनशोधन जांच मामले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए. अधिकारियों ने बताया कि कार्ति को धनशोधन निरोधक कानून के तहत उनके बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया गया था. वह सुबह 11 बजे मध्य दिल्ली के जामनगर में ईडी के कार्यालय पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि माना जा रहा है कि उनसे आईएनएक्स मीडिया मामले में पूछताछ की जाएगी.
एजेंसी का आरोप है कि कार्ति ने मॉरिशस से निवेश हासिल करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की शर्तों का उल्लंघन करने संबंधी मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए आईएनएक्स मीडिया से धन लिया था. ईडी ने मामले की जांच के लिए मई 2017 में मामला दर्ज किया था.
सुप्रीम कोर्ट की कार्ति चिदंबरम को चेतावनी, 'अगर आप कानून के साथ खेलेंगे तो ईश्वर ही आपको बचा सकता है'
एयरसेल-मैक्सिस,आईएनएस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को कांग्रेस के पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम को विदेश जाने की अनुमति दे दी थी. कोर्ट ने ईडी के जवाब के बाद कार्ति को विदेश जाने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने अनुमति की एक शर्त के तौर पर रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपए जमा कराने के निर्देश दिए थे. इसके साथ ही कोर्ट ने कार्ति को चेतावनी देते हुए कहा था, 'आप जांच में सहयोग करें, अगर आप कानून के साथ खेलेंगे तो ईश्वर ही आपको बचा सकता है.'
कोर्ट ने जांच में सहयोग को लेकर कार्ति के पहले के रवैये की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'अतीत में आप जांच को लेकर सहयोग नहीं करते रहे है, अगर अभी भी आपका रवैया यही रहा तो हम सख्त रुख अख्तियार करेंगे.' सुप्रीम कोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस, आईएनएक्स मामलों में पूछताछ के लिए कार्ति को 5,6,7 और 12 मार्च को ईडी के समक्ष पेश होने को कहा है और कहा कि वह ‘‘कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करें.’’
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, ‘‘आपको 10 से 26 फरवरी के बीच जहां जाना हो वहां जाएं लेकिन पूछताछ में सहयोग जरूर करें.’’ पीठ ने कहा, ‘‘कृपया अपने मुवक्किल से कहें कि उन्हें सहयोग करना होगा. आपने सहयोग नहीं किया है. हम कई चीजें कहना चाहते हैं. हम उन्हें अभी नहीं कह रहे हैं.
पीठ ने कार्ति से 10 करोड़ रुपए जमा कराने के अलावा लिखित में यह देने को कहा है कि वह वापस आएंगे और जांच में सहयोग करेंगे. कार्ति ने 10 से 26 फरवरी और फिर 23 से 31 मार्च के बीच विदेश जाने की अनुमति मांगी थी.पीठ कार्ति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने 'टोटस टेनिस लिमिटेड' कंपनी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति मांगी थी. 'टोटस टेनिस लिमिटेड' का कार्यालय ब्रिटेन में पंजीकृत है.
एयरसेल-मैक्सिस मामला : चिदंबरम, कार्ति को गिरफ्तारी से 18 फरवरी तक मिली छूट
28 जनवरी को एयरसेल-मैक्सिस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम छूट की अवधि 18 फरवरी तक बढ़ा दी. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने चिदंबरम को इस आधार पर राहत दी कि वह एक फरवरी को उपलब्ध नहीं रहेंगे. मामले की सुनवाई पहले एक फरवरी को होनी थी.
इससे पहले 11 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में सीबीआई ने अदालत को बताया था कि एयरसेल-मैक्सिस मामले में केंद्र ने उसे सेवारत और पूर्व नौकरशाहों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति भी आरोपी हैं.
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के जिन तत्कालीन सदस्यों के खिलाफ मंजूरी हासिल की गई है उनमें तत्कालीन आर्थिक मामलों के सचिव अशोक झा, वित्त मंत्रालय में तत्कालीन अतिरिक्त सचिव अशोक चावला और तत्कालीन संयुक्त सचिव कुमार संजय कृष्ण शामिल हैं. इसके अलावा मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक दीपक कुमार सिंह और तत्कालीन अवर सचिव राम शरण शामिल हैं.
एजेंसी ने पिछले साल 16 नवंबर को कहा था कि पी चिदंबरम के लिए ऐसी ही मंजूरी हासिल की जा चुकी है. मामले में 18 आरोपी हैं. इस मामले में सीबीआई द्वारा 19 जुलाई, 2018 को दायर आरोप-पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे का नाम था. एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश के समक्ष एक पूरक आरोप-पत्र दायर किया था, जिन्होंने इस पर विचार के लिए 31 जुलाई, 2018 की तारीख तय की थी.
यह मामला एयरसेल मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितता से जुड़ा है.