Weather Update: जुलाई में औसत से अधिक बारिश हुई. लेकिन अगस्त का महीना बारिश के बिना सूखा है. यानी इस मॉनसून सीजन में कम बारिश के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा है.
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Al Nino Effect driest August Rainfall: वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में 1901 के बाद से अगस्त के सबसे अधिक शुष्क रहने का अनुमान है और यह स्पष्ट रूप से अल नीनो (Al Nino) स्थितियों के तीव्र होने का नतीजा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस साल का मानसून 2015 के बाद से सबसे अधिक शुष्क हो सकता है, जिसमें 13 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है. मौसम विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने बताया कि अगस्त में अब तक 32% बारिश की कमी और अगले 48 घंटों में देश के एक बड़े हिस्से में बारिश की कम गतिविधियां होने के अनुमान के साथ, भारत 1901 के बाद से सबसे सूखा अगस्त का महीना घोषित किए जाने के कगार पर है.
अगस्त में सूखा
अगस्त में 254.9 मिमी बारिश होती है, जो मानसून के मौसम के दौरान होने वाली बारिश का लगभग 30 प्रतिशत है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगस्त 2005 में 25 प्रतिशत, 1965 में 24.6 प्रतिशत; 1920 में 24.4 प्रतिशत; 2009 में 24.1 प्रतिशत और 1913 में 24 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई.
अल नीनो इफेक्ट
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अगस्त में सामान्य से कम बारिश का मुख्य कारण अल नीनो (दक्षिण अमेरिका के निकट प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना) के अलावा ‘मैडेन जूलियन ऑसिलेशन’ (MJO) का प्रतिकूल चरण है. एमजेओ एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनियाभर में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है. अल नीनो आमतौर पर भारत में कमजोर होती मानसूनी हवाओं और शुष्क मौसम से जुड़ा है.
महापात्र ने कहा, ‘MJO के अनुकूल चरण के कारण कम दबाव प्रणाली न होने पर भी बारिश होती है. एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी. मौजूदा अल नीनो स्थितियों के प्रभाव में बंगाल की खाड़ी (BOB) पर सामान्य पांच के मुकाबले केवल दो कम दबाव वाली प्रणालियां विकसित हुईं. अगस्त में सामान्य से कम बारिश का एक अन्य कारण दक्षिण चीन सागर में कम दबाव वाली प्रणालियों की कम संख्या थी और वे भी उत्तर की ओर बढ़ गईं.'
दक्षिण चीन सागर के ऊपर विकसित होने वाली कम दबाव वाली प्रणालियां आमतौर पर पश्चिम की ओर बढ़ती हैं, वियतनाम और थाईलैंड को पार करने के बाद उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती हैं.
फसल खराब होने का डर-महंगाई बढ़ने का खतरा
मौसम अगर इसी तरह से अप्रत्याशित रहा तो खरीफ की फसल खराब होने की आशंका जताई जा रही है. जुलाई में औसत से अधिक बारिश हुई. लेकिन अगस्त का महीना बारिश के बिना सूखा है. इस मॉनसून सीजन में कम बारिश के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जुलाई महीने के लिए घोषित आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.44% और खाद्य महंगाई दर 11.5% पर पहुंच गई है. वहीं फल और सब्जियों के अलावा गेहूं, चावल और दालों की कीमतें अभी से बढ़ने लगी हैं. ऐसे में अगर बारिश कम हुई तो महंगाई और बढ़ सकती है.