विपक्ष के तेवरों से संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार
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विपक्ष के तेवरों से संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार

मंगलवार से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं क्योंकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करते प्रतीत हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी को हटाए जाने के लिए दबाव के अतिरिक्त विपक्षी दलों ने संकेत दिए हैं कि वे भाजपा के मुख्यमंत्रियों..शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमन सिंह की कथित संलिप्तता वाले घोटालों और विवादों का मुद्दा उठाएंगे तथा उनके इस्तीफे की मांग करेंगे।

विपक्ष के तेवरों से संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार

नयी दिल्ली : मंगलवार से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं क्योंकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल व्यापमं घोटाले और ललित मोदी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करते प्रतीत हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी को हटाए जाने के लिए दबाव के अतिरिक्त विपक्षी दलों ने संकेत दिए हैं कि वे भाजपा के मुख्यमंत्रियों..शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमन सिंह की कथित संलिप्तता वाले घोटालों और विवादों का मुद्दा उठाएंगे तथा उनके इस्तीफे की मांग करेंगे।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज हासिल करने में आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद करने को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं, जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी अपनी शैक्षिक योग्यता से जुड़े विवाद को लेकर विपक्ष की आलोचना का सामना कर रही हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के अपनी बंदूकें हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर तानने की संभावना है जो आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं। संसद में अपनी सरकार के समक्ष आ सकने वाली चुनौतियों के मद्देनजर विपक्ष का सामना करने की रणनीति पर विचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राजग के सभी घटक दलों की बैठक बुलाई है।

प्रधानमंत्री अपने आवास पर सहयोगियों से मिलने से पहले ससंदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा अलग-अलग बुलाई गई दो सर्वदलीय बैठकों में भी भाग ले सकते हैं। ये बैठकें सत्र को सुचारू रूप से चलाने के तौर तरीकों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई हैं। संसद सत्र में दिख सकने वाले विपक्ष के तेवरों को भांप मोदी ने शुक्रवार को माना था कि सत्र में मुकाबला होगा। सरकार की ओर से सदन की व्यवस्था संभालने वाले मंत्रियों ने माना कि मानसून सत्र हंगामेदार हो सकता है। पिछली लोकसभा में 2जी घोटाले में संयुक्त संसदीय समिति की विपक्ष की मांग को लेकर एक पूरा सत्र व्यर्थ चला गया था।

भाजपा नीत एनडीए को जहां लोकसभा में बहुमत हासिल है, वहीं उपरी सदन में इसके पास संख्या का अभाव है। राज्यसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है तथा जीएसटी और भूमि विधेयक सहित महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की चाबी उसके पास है। वरिष्ठ राजग मंत्रियों ने गुरूवार को एक बैठक की थी और विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के रूख के मद्देनजर सरकार के विधायी कार्य को सुगम बनाने के लिए रणनीति पर चर्चा की थी। सरकार ने मानसून सत्र के लिए 35 कार्य तय किए हैं जिनमें राज्यसभा में लंबित नौ विधेयक और लोकसभा में लंबित चार विधेयक तथा 11 नए विधेयक पेश करना भी शामिल है। लोकसभा में लंबित चार विधेयकों में विवादास्पद भूमि विधेयक भी शामिल है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस सत्र में इसे लाए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि विधेयक का अध्ययन कर रही संयुक्त संसदीय समिति द्वारा समय पर अपना कामकाज पूरा किए जाने की संभावना नहीं है।

निचले सदन में लंबित तीन अन्य विधेयकों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) संशोधन विधेयक 2014, दिल्ली उच्च न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2015 तथा विद्युत (संशोधन) विधेयक 2014 शामिल हैं। राज्यसभा में लंबित नौ विधेयकों में जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक 2014, जो फिलहाल राज्यसभा की प्रवर समिति के पास है, व्हिसल ब्लोअर संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2015, भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक 2013 और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक 2015 अहम हैं।

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