इग्नू के प्रो. सी.बी. शर्मा(IGNOU's Prof. Cb Sharma), दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. प्रकाश सिंह(Prof. of Delhi University Prakash Singh), बिहार के मोतिहारी में एमजीसीयूबी के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा(Vice Chancellor of MGCUB in Motihari, Bihar Sanjeev Sharma), केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रो.जयप्रसाद(Prof. Jayaprasad of Central University of Kerala, ), जेएनयू के प्रो.एनुल हसन ( Prof. Annul Hasan of JNU) सहित कई शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये दोनों परीक्षाएं आयोजित करने के लिए लिखा है, ताकि छात्रों को अपना एक साल न गंवाना पड़े.
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नई दिल्ली: NEET-JEE 2020 परीक्षा कराने को लेकर सरकार भले ही विपक्ष का विरोध झेल रही है लेकिन देश-विदेश के 100 से अधिक शिक्षाविदों (academicians) ने परीक्षा कराने का समर्थन किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय(Delhi Universitiy), जेएनयू(JNU), केंद्रीय विश्वविद्यालय केरल(Central University Keral), कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (University of California) के प्रोफेसर सहित कई शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को ये दोनों परीक्षाएं आयोजित करने के लिए लिखा है, ताकि छात्रों को अपना एक साल न गंवाना पड़े. इस पहल का समन्वय, इस मामले को लेकर चिंतित शिक्षाविदों के समूह द्वारा किया गया है.
छात्रों के भविष्य के साथ समझौता नहीं
उन्होंने लिखा है, 'हम अकादमिक बिरादरी के सदस्य जेईई (JEE) और एनईईटी (NEET) परीक्षा आयोजित करने के सरकार के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.' उन्होंने लिखा, 'हमारे युवाओं और छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है. हालांकि, कुछ लोग हमारे छात्रों के भविष्य के साथ खेलने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वे अपने स्वयं के राजनीतिक एजेंडे (Political Agenda) को आगे बढ़ा सकें और सरकार का विरोध कर सकें.'
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छात्रों का कीमती साल बर्बाद न हो
उन्होंने आगे लिखा, 'हम आशा करते हैं और विश्वास करते हैं कि आपके सक्षम नेतृत्व के तहत केंद्र सरकार दोनों परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन करेगी और यह छात्रों का भविष्य सुरक्षित करेगी. साथ ही 2020-21 के लिए शैक्षणिक कैलेंडर को भी तैयार किया जाना चाहिए.' उनका कहना है कि वे सरकार के इस कदम का तहे दिल से स्वागत करते हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर चुका है कि परीक्षाओं के आयोजन में किसी भी तरह की देरी से छात्रों का कीमती साल बर्बाद होगा.
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DU से बिहार तक के शिक्षाविद ने लिखा पत्र
उन्होंने लिखा है कि युवा और छात्र राष्ट्र का भविष्य हैं. कोविड -19 महामारी के कारण अनिश्चितता के बादल उनके करियर पर भी छा गए हैं. यह भी कहा गया कि प्रवेश और कक्षाओं को लेकर बहुत सारी आशंकाएं हैं, जिन्हें जल्द समाप्त करना चाहिए. जिन शिक्षाविदों ने मोदी को पत्र लिखा है, उनमें इग्नू के प्रो. सी.बी. शर्मा(IGNOU's Prof. Cb Sharma), दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. प्रकाश सिंह(Prof. of Delhi University Prakash Singh), बिहार के मोतिहारी में एमजीसीयूबी के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा(Vice Chancellor of MGCUB in Motihari, Bihar Sanjeev Sharma), केरल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रो.जयप्रसाद(Prof. Jayaprasad of Central University of Kerala, ), जेएनयू के प्रो.एनुल हसन ( Prof. Annul Hasan of JNU) शामिल हैं. (इनपुट आईएएनएस)
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