सीमा पर 450 से ज्यादा आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ के मौके की तलाश में, भारतीय सेना अलर्ट
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सीमा पर 450 से ज्यादा आतंकवादी कश्मीर में घुसपैठ के मौके की तलाश में, भारतीय सेना अलर्ट

इस साल अब तक लगभग 60 आतंकवादी भारतीय सेना की गोलियों का निशाना बन चुके हैं. 

आतंकवादियों को घुसपैठ में मदद देने के लिए पाकिस्तानी सेना लगातार गोलाबारी कर रही है लेकिन भारतीय सेना चौकस है

नई दिल्ली: सीमा पर 450 से ज्यादा आतंकवादी जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में घुसपैठ के मौके की तलाश में है. इन आतंकवादियों को घुसपैठ में मदद देने के लिए पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) लगातार गोलाबारी कर रही है. भारतीय सेना (Indian Army) को पहले से ही इन हालात का अंदाजा था और उसने गर्मियां शुरू होने से पहले ही नियंत्रण रेखा से लेकर कश्मीर के गांवों तक अपनी तैयारी पूरी कर ली थी. इसी तैयारी का नतीजा है कि इस साल अब तक लगभग 60 आतंकवादी भारतीय सेना की गोलियों का निशाना बन चुके हैं. 

सेना की उत्तरी कमान के एक अधिकारी ने बताया कि पुख्ता खुफिया सूचनाएं लगातार मिल रही थीं कि पाकिस्तान ने 2019-2020 में अपने सारे ट्रेनिंग कैपों में आतंकवादियों को बड़े पैमाने पर ट्रेंड करना शुरू कर दिया है. अधिकारी ने कहा, "उन्हें ऊंचे पहाड़ी रास्तों पर बर्फ पिघलने का इंतज़ार था ताकि घुसपैठ शुरू की जा सके और दरअसल हम भी उनका इंतज़ार कर रहे थे."

सेना ने घुसपैठ को रोकने के लिए नियंत्रण रेखा पर एंटी-इनफिल्ट्रेशन ऑब्सटेकल सिस्टम (ANTI-INFILTRATION OBSTACLE SYSTEMS) बनाए हैं. चौकसी और सीमा पर किसी भी गतिविधि पर नजर रखने के लिए नए और आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं ताकि पाकिस्तानी गोलाबारी की आड़ में आतंकवादी घुसपैठ न कर सकें. 

एंटी-इनफिल्ट्रेशन ऑब्सटेकल सिस्टम में घुसपैठ को रोकने के लिए कई तरह की रुकावटें लगाई गई हैं. इनमें ऊंची-कंटीली फेंसिंग, इलेक्ट्रिकल अलार्म सिस्टम, इलेक्ट्रिकल वायर हैं जो नियंत्रण रेखा पर ही होते हैं. इसके बाद दिन और रात में दूर तक देखने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जिनके ज़रिए अपनी पोस्ट से ही सैनिक दूर तक होने वाली कोई भी हरकत मॉनिटर पर देख सकते हैं. इसके बाद ज़रुरूत पड़ने पर ड्रोन और हेलिकॉप्टर्स भी तुरंत मुहैया कराए जाते हैं. 

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कश्मीर घाटी में पाकिस्तान ज्यादा से ज्यादा स्थानीय युवाओं को आतंकवाद से जोड़ने के लिए बहुत ज्यादा पैसा मुहैया करा रहा है. एक खुफिया अधिकारी के अनुसार स्थानीय युवाओं का मुखौटा पाकिस्तान को इसलिए ज़रूरी है ताकि वो अंतर्राष्ट्रीय जगत के सामने भारत की तस्वीर खराब कर सके. सेना ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद की इस नई लहर को रोकने के  लिए पूरी ताक़त से अभियान चलाया है. खुफिया एजेंसियां इस बात की आशंका भी जता रही है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान आम नागरिकों को आतंकवादियों की ढाल की तरह इस्तेमाल करने की नई कोशिशें करेगा. 

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