गुजरात (Gujarat) के बाद उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने जुर्माने की राशि आधी करके अपने राज्यों में इस एक्ट को लागू करने का फैसला लिया है. वहीं महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को पत्र लिखकर कहा है कि भारी जुर्माने से राज्य की जनता में रोष है.
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कोलकाता, देहरादून, अहमदाबाद: मोटर व्हीकल एक्ट 2019 (Motor Vehicle Act 2019) को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है, कोई इसे सही बता रहा है तो कोई इसे जरूरी बता रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के भारी जुर्माने से बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी परेशान हैं. गुजरात (Gujarat) के बाद उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने जुर्माने की राशि आधी करके अपने राज्यों में इस एक्ट को लागू करने का फैसला लिया है. वहीं महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को पत्र लिखकर कहा है कि भारी जुर्माने से राज्य की जनता में रोष है. इसमें बदलाव की जानी चाहिए. उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो इस एक्ट को अपने राज्य में लागू करने से ही मना कर दी हैं. उन्होंने कहा है कि इससे राज्य की जनता पर भारी बोझ बढ़ जाएगा.
रावत ने सरकार ने आधा किया जुर्माना
उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की सरकार ने नए नियमों में बदलाव करते हुए बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर छूट देते हुए इस राशि को 2500 कर दिया है. केंद्र सरकार ने बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर 500 रुपये पड़ने वाले फाइन को बढ़ाकर 5,000 कर दिया था. इसके अलावा लाइसेंस निरस्त करने के बाद भी वाहन चलाते हुए पाए जाने पर प्रदेश में 10,000 की जगह 5,000 रुपये का ही चालान काटा जाएगा. वहीं, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर पहली बार 1000 रुपये और दूसरी बार 5,000 रुपये का चालान किया जाएगा.
ध्वनि प्रदूषण या वायु प्रदूषण संबंधी मानकों का उल्लंघन करने पर केंद्र ने 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे राज्य सरकार ने प्रथम अपराध के लिए 2,500 रुपये और उसके बाद के लिए 5,000 रुपये कर दिया है. गाड़ी चलाते समय मोबाइल से बात करने पर नया शुल्क 5000 रुपये था, जिसे उत्तराखंड सरकार ने प्रथम अपराध के लिए 1,000 रुपये और उसके बाद के लिए 5,000 रुपये कर दिया है.
रावते के पत्र बोले गडकरी- ये जरूरी है
बीजेपी शासित राज्यों में मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध होने के बावजूद केंद्रीय सड़क एंव परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. नए कानून पर चिंता जाहिर करते हुए महाराष्ट्र सरकार के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को चिट्ठी लिखकर अपील की है कि नई जुर्माना राशि पर पुनर्विचार किया जाए. रावते ने कहा कि, नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर मेरा कोई विरोध नहीं है लेकिन भारी जुर्माना राशि को लेकर जनता में रोष है.
इस फैसले पर सरकार को सोचना चाहिए. रावते ने कहा कि, इस मामले में हमने नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा कि, गुजरात (Gujarat) सरकार ने जुर्माना राशि कम करने की घोषणा तो कही है लेकिन अभी अमल में नहीं लाया गया है. वहीं नए मोटर वीइकल ऐक्ट को लेकर गडकरी ने कहा, 'हम कानून के प्रति लोगों में भय और सम्मान पैदा करने के लिए इसे लागू कर रहे हैं.
राजस्थान ने भी घटाया जुर्माने की राशि
राजस्थान में व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि को कम किया जाएगा. गुजरात (Gujarat) की बीजेपी सरकार की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं करने पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को भी एक्ट को मूल रूप में लागू नहीं करने का सही मौका मिल गया है. राजस्थान में मोटर व्हीकल एक्ट के जरिए जुर्माना गुजरात (Gujarat) सरकार से भी कम किया जाएगा. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना था कि सेंट्रल व्हीकल एक्ट पर देश की जनता की गर्दन काट रहा. उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आपकी बीजेपी सरकार ने सेंट्रल व्हीकल एक्ट लागू करने से इनकार कर दिया है. पहले बीजेपी सरकार आपस में तय कर ले ही व्हीकल एक्ट लागू करना भी है या नहीं.
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरिवास ने कहा, 'केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा था कि सभी राज्यों को ये फैसला मानना होगा, लेकिन अब तो हर जगह विरोध हो रहा है. इसलिए केंद्र सरकार व्हीकल एक्ट को वापस ले.'
उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि बुधवार को अधिकारियों को चालान शुल्क में कटौती के गुजरात (Gujarat) मॉडल का अध्ययन करने के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि वैसे ही नियम लागू किए जा सकें.
इनपुट: ASHISH