Mughal Love Life: यह मुगल शासक बनाता था समलैंगिक संबंध, हरम में रखता था कम उम्र के लड़के!
Mughal Harem: मुगलों के बारे में जानने की लोगों में दिलचस्पी हमेशा बनी रहती है. इस कड़ी में आज बाद उस मुगल बादशाह की जो हरम की औरतों के अलावा कम उम्र के लड़कों के साथ भी शारीरिक संबंध बना लेता था.
Mughal ruler who makes homosexual relations: अबतक हम आपको मुगल साम्राज्य की बहुत सी सीक्रेट बातें और गोपनीय किस्से बता चुके हैं. आज हम आपको उस मुगल बादशाह की अनसुनी कहानी बताने जा रहे हैं, जो मुगल हरम (Mughal Harem) की औरतों के अलावा अक्सर खूबसूरत लड़कों को भी अपनी हवस का शिकार बनाने से नहीं चूकता था. इतिहास की किताबों में इस बादशाह के बारे में कहा गया है कि वह समलैंगिक संबंध बनाना बेहद पसंद करता था. आइये आपको बताते हैं उस मुगल शासक के बारे में.
पहला समलैंगिक मुगल बादशाह
यहां बात पानीपत की ऐतिहासिक लड़ाई जीतकर मुगल वंश की नींव रखने वाले बाबर की. कई इतिहासकारों के मुताबिक बाबर समलैंगिक था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी बाबर की जीवनी (बाबरनामा) का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुगल वंश के संस्थापक को नए युवकों यानी कम उम्र के खूबसूरत लड़कों से संबंध बनाने का शौकीन था. वह जितना बड़ा लड़ाका था, उतना ही कामवासना के वशीभूत था.
मुगलों के थे ऐसे ऐसे शौक
इतिहास के पन्नों में यूं तो कई मुगल बादशाहों के समलैंगिक संबंध होने के किस्से दर्ज हैं. कई जगह एकदम साफ साफ लिखा है कि कुछ बादशाहों के हरम में खूबसूरत, कोमल और कामुक युवकों को भी रखा जाता था. सिर्फ बादशाह ही नहीं उनके रईस और खासमखास वजीर भी अपना अलग हरम रखते थे. अकबर से लेकर शाहजहां के शासन काल और फिर आगे तक भी समलैंगिकता का चलन था. अकबर के जमाने की ही बात करें तो उसके दरबार में खान जमान उर्फ अली कुली खान हुआ करता था. उसे पानीपत की दूसरी जंग का नायक कहा जाता था, कहा जाता है कि अकबर के एक सिपाही शमीम बेग पर उसका दिल आ गया था. जबकि वो अकबर का खास सिपाही था.
इसी तरह से इतिहासकार टवेरनियर ने लिखा है कि शाहजहां के शासनकाल में बुरहानपुर के गवर्नर की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के पीछे समलैंगिकता वजह थी. कहते हैं गवर्नर का दिल एक युवा पर आ गया था. वो उसके साथ संबंध बनाना चाहता था. लेकिन वो तैयार नहीं था. जब वो नहीं माना तो खुन्नस में आकर एकदिन उसने गवर्नर को निपटाकर अपने जिंदगी का कांटा हटा दिया था.
किसी की जिंदगी कब होगी पूरी?
मध्यकाल के कुछ कवियों ने जो कविताएं लिखीं हैं, उनमें भी ऐसे ही अप्राकतिक प्रेम कहानियों के संकेत मिलते हैं. कवि सैफी की एक फारसी कविता में लिखा है कि - 'किसी की ज़िंदगी तभी होगी पूरी और ख़ुद में कामयाब, पास में हो सुंदर लड़का और अच्छी शायरी की किताब.'
अब आप खुद समझ सकते हैं कि मुगलों के राज में सिर्फ औरतों का नहीं बल्कि लड़कों का भी शोषण होता था.