Murshidabad News: सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं और इस घटना को छिपाने की कोशिश में लगी हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मीडिया को घुसने नहीं दिया जा रहा ताकि सच्चाई सामने न आ सके.
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West Bengal Riots: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शनिवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने मृतकों हरगोविंद दास और चंदन दास के परिवार से मुलाकात की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. राज्यपाल ने सुती, जंगीपुर और धुलियान जैसे अन्य हिंसा प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों से बात की और कहा कि दोषियों पर ठोस कार्रवाई की जाएगी. मृतकों के परिजनों ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की है.
इलाके में स्थायी BSF कैंप की मांग
इसी दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग NCW की प्रमुख विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मुर्शिदाबाद का दौरा किया और दंगा प्रभावित महिलाओं से मुलाकात की. पीड़ितों ने बताया कि उन्हें लगातार डर में जीना पड़ रहा है और इलाके में स्थायी BSF कैंप की मांग की. उन्होंने यह भी कहा कि झड़पों की जांच एनआईए से कराई जाए. रहाटकर ने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार और आयोग दोनों उनके साथ हैं और हरसंभव सहायता दी जाएगी.
ममता सरकार पर तीखा हमला
इस हिंसा को लेकर बीजेपी ने भी ममता सरकार पर तीखा हमला बोला है. प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं और इस घटना को छिपाने की कोशिश में लगी हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मीडिया को घुसने नहीं दिया जा रहा ताकि सच्चाई सामने न आ सके. मजूमदार ने यह भी आरोप लगाया कि अगर मरने वाले मुस्लिम होते तो ममता जरूर वहां जातीं.
धुलियान से पलायन कर चुके कई हिंदू परिवारों ने दावा किया है कि उनके पानी में जहर मिलाया जा रहा है और वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. मजूमदार ने कहा कि जब तक केंद्रीय बल तैनात हैं उन्हें थोड़ी राहत महसूस हो रही है. उन्होंने ममता बनर्जी की मौलानाओं के साथ बैठक और गृह मंत्री अमित शाह पर की गई टिप्पणी पर भी पलटवार करते हुए कहा कि ममता जी गृह मंत्री से डरी हुई हैं क्योंकि वह बंगाल में परिवर्तन का संकल्प लेकर आए हैं.
'कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं'
बीजेपी नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने भी राज्य की स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि बंगाल में अब आम हिंदू खुद को अपने ही राज्य में शरणार्थी जैसा महसूस कर रहा है. मिथुन ने यह भी जोड़ा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है और तृणमूल सरकार सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति में लगी हुई है. एजेंसी इनपुट