Jagannathpuri Prasad Controversy: जगन्नाथपुरी में प्रसाद बनाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा और हिंदू संगठन ने कहा है कि मुसलमानों से प्रसाद बनवाकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है. यह धर्मनिरपेक्षता नहीं बल्कि लक्षित अपवित्रता है.
Trending Photos
Jagannathpuri Prasad Controversy: पश्चिम बंगाल में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से पहले एक नया विवाद गरमा गया है. मामला अब सिर्फ धार्मिक नहीं रहा, राजनीतिक मोड़ भी ले चुका है. विवाद भगवान जगन्नाथ के लिए तैयार किए जा रहे प्रसाद, खासकर मिठाइयां, जिन्हें कुछ मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे हैं. हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं का आरोप है कि ये परंपरा और श्रद्धा का अपमान है.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद शमिल भट्टाचार्य ने तीखा हमला करते हुए कहा,बीजेपी इसे 'सनातन परंपरा पर हमला' बता रही है और मांग कर रही है कि प्रसाद निर्माण सिर्फ श्रद्धालु हिन्दू कारीगरों के हाथों ही हो. इस विवाद ने सोशल मीडिया पर भी आग लगा दी है. बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी पोस्ट कर इसे हिन्दू अस्मिता का सवाल बताया है.
मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा,'पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी बेखौफ होकर हिंदू भावनाओं को कुचल रही हैं. मुर्शिदाबाद जिले के सुती 1 ब्लॉक में मिठाई की दुकानों और राशन डीलरों- जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं को कथित तौर पर गाजा और पेरा की तैयारी और वितरण का काम सौंपा गया है, जिसे प्रभु जगन्नाथ देव का पवित्र प्रसाद बताया जा रहा है. यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं है. यह जानबूझकर उकसाने की कोशिश है.
Mamata Banerjee is trampling on Hindu sentiments with impunity in West Bengal!
In the Suti 1 Block of Murshidabad district, sweet shops and ration dealers — majority of them Muslim — have reportedly been entrusted with the preparation and distribution of Gaja and Pera, which are… https://t.co/NVU921fPQ6 pic.twitter.com/zhnIRB4PL8
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 19, 2025
मालवीय ने आगे लिखा,'एक सरकार इतनी लापरवाही से गहरी धार्मिक मान्यताओं को कैसे कुचल सकती है? पुरी में आज भी गैर-हिंदुओं को जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. भगवान और उनकी परंपराओं से जुड़ी पवित्रता ऐसी है और फिर भी ममता बनर्जी के बंगाल में भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए प्रसाद उन लोगों के जरिए चलाई जा रही दुकानों से हासिल किया जा रहा है जो धर्म का पालन भी नहीं करते हैं. यह धर्मनिरपेक्षता नहीं बल्कि लक्षित अपवित्रता है.
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू और जगन्नाथ भक्त बहुत आहत हैं. यह सदियों पुरानी परंपराओं का उल्लंघन है और धार्मिक भावनाओं का घोर अपमान है. बंगाल इससे बेहतर का हकदार है. इस तरह के कठोर और सोचे-समझे तुष्टीकरण का नहीं.
वहीं इस पूरे विवाद को लेकर आयोजकों का कहना है कि मिठाई बनाने वाले स्थानीय हलवाई हैं और किसी समुदाय विशेष को लक्ष्य नहीं बनाया गया. राज्य सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.