कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए मुस्लिम संप्रदाय के धर्मगुरुओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा का समर्थन किया है.
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नई दिल्ली. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए मुस्लिम संप्रदाय के धर्मगुरुओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा का समर्थन किया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि लॉकडाउन के बाद जुमे की नमाज मस्जिदों में नहीं अदा की जाएगी. लोग अपने घरों में नमाज अदा करेंगे. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जो सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही गई है उसे लेकर ही धर्मगुरुओं ने ये कदम उठाया है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक ट्वीट के जरिए मुस्लिम संप्रदाय के लोगों से यह अपील की है कि लोग जुमे की नमाज मस्जिदों के बजाय अपने घर में ही अदा करें.
Due to #NovelCoronavirus pandemic, Muslims are recommended to offer Zuhur at home instead of praying Jumah at mosques. DON'T come out for congregational prayers and #StayAtHomeSaveLives. It is mandatory upon all to avoid causing harm to their fellow citizens. #NoJumahInMasjid
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) March 26, 2020
ओवैसी ने भी ट्वीट किया
AIMIM के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर मुस्लिमों से नमाज़ घर में अदा करने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'सभी मुसलमानों से मेरी अपील है कि बरोज जुम्मा, घर पर ज़ुहर की नमाज़ अदा करें और मस्जिदों में जमा होने की शकल ना बनाएं. इस लड़ाई में आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है सामाजिक दूरी बनाए रखना. हमें बड़ी सभाओं को रोकना जरूरी होगा.'
सभी मुसलमानों से मेरी अपील है कि कल बरोज जुम्मा, घर पर ज़ुहर की नमाज़ अदा करें और मस्जिदों में जमा होने की शकल ना बनाएं
इस लड़ाई में आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है सामाजिक दूरी बनाए रखना. हमें बड़ी सभाओं को रोकना जरूरी होगा
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 26, 2020
फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुक्करम ने भी किया मना
फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुक्करम ने कहा, 'ये बीमारी बहुत खतरनाक है. जब ये बीमारी फैलती है तब पता भी नहीं चलता. इसी वजह से भारत सरकार ने लॉकडाउन किया और जो एडवाइज़री बताई जा रही है उस पर हम अमल कर रहे हैं. मस्जिदों को भी हमने बंद कर रखा है ताकि वहां भीड़ न हो.'
अमरोहा स्थित शिया जामा मस्जिद में भी नमाज अदा करना मना
अमरोहा स्थित शिया जामा मस्जिद के मौलाना डॉ सय्यद मोहम्मद सियादत नक़वी साहब ने एक वीडियो मैसेज जारी कर ये ऐलान किया कि हिंदुस्तान भर में फैल रही कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनज़र शुक्रवार (27th मार्च) को मस्जिद में नमाज़े जुमा नहीं पढ़ी जाएगी.
'जामा मस्जिद' के शाही इमाम पहले ही कर चुके हैं मना
दिल्ली की सबसे बड़ी मस्जिद 'जामा मस्जिद' के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी पहले ही जुमे की नमाज मस्जिदों के बजाय अपने घर में ही अदा करने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया में बिना किसी हिचक हुकूमतों की जानिब से की जानेवाली हिदायतों पर अमल किया जा रहा है.' उन्होंने यहां स्थानीय लोगों से भी सरकार द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों को अमल में लाने की अपील की है.
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शिया संप्रदाय ने भी जुमे की नमाज रद्द की
शिया संप्रदाय ने भी कोरोना वायरस के कारण शुक्रवार की जुमे की नमाज रद्द कर दी है. ये निर्णय मारजा की सलाह पर लिया गया है जिसे फतवा जारी करने के लिए समाज का अधिकृत सर्वोच्च नेता माना जाता है. यह निर्णय कई मारजाओं के द्वारा संयुक्त रूप से जारी किए गए फतवा के मुताबिक है. मवानी मलाड के शिया इमाम मौलाना अशरफ इमाम ने कहा, 'यह पूरे देश के लिए है, क्योंकि कोरोना वायरस फैल रहा है. यह स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के मुताबिक है और मारजा ने भी ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने से परहेज करने को कहा है, इसलिए हमने शुक्रवार की नमाज को रद्द कर दिया है.'
जुमे की नमाज घर से करें तो बेहतर : फिरंगी महली
लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने जुमे की नमाज को लेकर गुरुवार को मशविरा (एडवायजरी) जारी की है. उन्होंने मुस्लिम भाइयों से कहा है कि शुक्रवार की नमाज मस्जिदों में करने से परहेज करें. अगर घर पर ही इबादत करें तो बेहतर रहेगा. ईदगाह के इमाम महली ने कोरोना वायरस को लेकर जारी एडवायजरी में कहा है कि मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि मस्जिदों में नमाज अदा करने की बजाय घर पर ही प्रार्थना करें तो बेहतर है.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए मुस्लिम भाइयों के लिए यह मशविरा जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान मस्जिदों में कोई भी जलसा न करवाना ही उचित रहेगा.
उन्होंने कहा, 'हमने एक एडवायजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि लोग मस्जिदों में नमाज अदा करने में परहेज करें. इसकी बजाय लोग घर पर ही नमाज अदा कर सकते हैं.'