औरंगजेब की कब्र को CM का क्या, कोई हाथ नहीं लगा सकता... नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड की धमकी
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औरंगजेब की कब्र को CM का क्या, कोई हाथ नहीं लगा सकता... नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड की धमकी

Nagpur Violence Update: नागपुर हिंसा की जांच तेजी से अपने अंजाम तक पहुंच रही है. इस बीच हिंसा के मास्टर माइंड फहीम ने मीडिया की मौजूदगी के बीच ऑन कैमरा खुले आम नई धमकी दी है.

औरंगजेब की कब्र को CM का क्या, कोई हाथ नहीं लगा सकता... नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड की धमकी

Nagpur Violence masatermind Fheem Khan: नागपुर को हिंसा की आग में झोकने वाले मास्टरमाइंड फहीम खान ने आज पुलिस कस्टडी के बीच खुलेआम लोगों को धमकाया है. फहीम ने पुलिस की गाड़ी से उतरने के बाद ज़ी न्यूज़ संवाददाता के एक सवाल के जवाब में कहा, 'कोई भी हो चाहे मुख्यमंत्री ही क्यों न हो, कोई भी आलमगीर की कब्र को हाथ नहीं लगा सकता. वो एएसआई की जिम्मेदारी है.' पुलिस ने कुछ दिन पहले ही मास्टरमाइंड माने जा रहे फहीम खान को गिरफ्तार किया था. कोर्ट में पेशी के बाद फहीम खान को 21 मार्च तक पुलिस की कस्टडी में भेजा गया था.

कैसे धरा गया नागपुर को हिंसा की आग में झोंकने वाला फहीम?

फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का शहर अध्यक्ष है. आपको बताते चलें कि हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ नागपुर से लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है. हालांकि दोनों चुनावों में वो अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया था. पुलिस की एफआईआर में फहीम के साथ कई अन्य आरोपियों का नाम है. बाकी लोगों की तलाश में दबिश दी जा रही है. आरोप है कि उसने शुरुआत में पुलिस स्टेशन में पहुंचकर बजरंग दल के खिलाफ शिकायत की थी और लोगों को भड़काया था.

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पुलिस का बयान

नागपुर पुलिस कमिश्नर रवीन्द्र सिंघल कह चुके हैं कि हिंसा की कई एंगल से जांच चल रही है. एफआईआर में फिलहाल सबसे पहले जिन आरोपियों के नाम थे, वो नागपुर के रहने वाले थे. हालांकि कुछ एंगल है जिसमें पुलिस को लगा कि कुछ लोग बाहरी हो सकते हैं. 

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कैसे भड़की हिंसा?

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर आरएसएस के अनुशांगिक संगठन वीएचपी और बजरंग दल ने 17 मार्च को बड़ा प्रदर्शन किया था. उसी दौरान नागपुर में यह अफवाह फैली की नागपुर में धार्मिक चिह्न वाली एक चादर को जलाया गया. इसके बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद नागपुर शहर हिंसा की चपेट में आ गया था. दंगाइयों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर तमाम तरह से हिंसा की थी जिसमें कई पुलिसवाले और स्थानीय लोग घायल हो गए थे.

करीब 200 लोगों की पहचान हो चुकी है. सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ फैलाने वालों की नकेल कसी जा रही है. पुलिस की साइबर यूनिट नागपुर हिंसा और दंगों से जुड़ी पोस्ट खंगाल रही है. पुलिस सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देख चुकी है.

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