Nagpur Violence: महल के बाद हंसपुरी में भड़की थी हिंसा, फडणवीस सरकार पर बरसा विपक्ष, क्या 'बाहर' से आए थे उपद्रवी?
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Nagpur Violence: महल के बाद हंसपुरी में भड़की थी हिंसा, फडणवीस सरकार पर बरसा विपक्ष, क्या 'बाहर' से आए थे उपद्रवी?

Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार देर रात जबरदस्त हिंसा देखने को मिली. पहले 'महल' और फिर 'हंसपुरी' में दंगे हुए. दंगों के दौरान पुलिसकर्मियों समेत कई लोग जख्मी भी हुए. हिंसा के बाद इलाके विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया है. पढ़िए अब तक क्या हुआ?

Nagpur Violence: महल के बाद हंसपुरी में भड़की थी हिंसा, फडणवीस सरकार पर बरसा विपक्ष, क्या 'बाहर' से आए थे उपद्रवी?

Nagpur Violence All Updates: औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. सोमवार देर रात महल इलाके में दो गुटों की बीच झड़प देखे को मिली. इसके बाद नागपुर के हंसपुरी में दूसरी हिंसा भड़क गई जब अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की, गाड़ियों को आग लगा दी और पथराव किया. जिसके बाद से इलाके में तनावपूर्ण हालात बने हैं और भारी तादाद में सिक्योरिटी फोर्सेज़ तैनात है.

क्या बोले कमिश्नर?

नागपुर के पुलिस कमिश्नर डॉ रविंदर सिंघल ने निवासियों को यकीन दिलाया है कि हालात अब नियंत्रण में है. एक तस्वीर जलाई गई, जिसके बाद लोग इकट्ठा हुए. हमने उनसे तितर-बितर होने का अनुरोध किया और हमने इस संबंध में कार्रवाई भी की. वे मुझसे मिलने मेरे दफ्तर भी आए थे. उन्हें बताया गया कि उनके ज़रिए बताए गए नामों की बुनियाद पर एक FIR भी दर्ज की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'

कब हुई हिंसा?

उन्होंने आगे बताया,'यह घटना रात 8-8:30 बजे के आसपास हुई. बहुत ज़्यादा गाड़ियों में आग नहीं लगी है. हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं. दो वाहनों में आग लगा दी गई है और पथराव हुआ है. पुलिस तलाशी अभियान चला रही है और इसमें शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.

25 पुलिस कर्मी भी जख्मी

नागपुर के महल इलाके में पथराव और आगजनी की घटनाओं के बाद नागपुर के जोन 3, 4 और 5 में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है. कमिश्नर ने सभी को निर्देश दिया गया है कि वे गैर जरूरी तौर पर बाहर न निकलें या कानून को अपने हाथ में न लें. अफवाहों पर यकीन न करें.' दंगाईयो ने कई कार और बाईक में आग लगाई. इसके अलावा  2-3 जेसीबी को भी आग के हवाले किया है. हिंसा में करीब 25 पुलिस कर्मी जख्मी हुऐ हैं.

जोन 3:

  • कोतवाली

  • गणेशपेठ

  • तहसील

  • लकड़गंज

  • पचपावली

  • शांति नगर 

जोन 4 

  • सक्करदरा

  • नंदनवन 

  • इमामवाड़ा 

जोन 5 

  • यशोधरा नगर

  • कपिल नगर 

'CM के क्षेत्र में सरकारी मशीनरी का पतन'

शहर में फैली हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर हमलावर हो गई हैं. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस घटना को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृहनगर में सरकारी मशीनरी का पतन बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया,'राज्य की कानून-व्यवस्था पहले से भी ज्यादा ध्वस्त हो गई है.सीएम और गृह मंत्री का गृह नगर नागपुर इसका सामना कर रहा है.'

प्रियंका चतुर्वेदी ने भी बोला हमला

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने टिप्पणी की,'महाराष्ट्र राज्य सरकार अपने राजनीतिक अवसरवाद के लिए राज्य को बर्बाद कर रही है और इसे हिंसक विस्फोट की तरफ ले जा रही है. यह गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के निर्वाचन इलाके नागपुर से रिपोर्ट किया जा रहा है.'

प्रदर्शन हुए और सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किए?

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा,'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के गृहनगर नागपुर के महल इलाके में दंगा भड़क गया. नागपुर 300 साल पुराना शहर है. इन 300 सालों के इतिहास में नागपुर में कोई दंगा नहीं हुआ. हम सभी को पूछना चाहिए कि ऐसे हालात क्यों बने. केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर भाजपा की सरकार है. अगर विहिप और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, तो क्या सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए?' 

'एक खेल खेला जा रहा है...'

उन्होंने आगे कहा,'कांग्रेस पार्टी और हम सभी नागपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं. एक खेल खेला जा रहा है और 300 साल पुराने इतिहास को मुद्दा बनाया जा रहा है. इस खेल का शिकार न बनें, शांति बनाए रखें, क्योंकि यही हमारे हित में है. कुछ राजनीतिक दल लोगों को भड़काते हैं और सोचते हैं कि इसमें उनका राजनीतिक फायदा है. हमें ऐसी राजनीति से बचना होगा. शांति हमारे लिए महत्वपूर्ण है.'

क्या बोले अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष?

महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है, लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है खान ने कहा,'यह एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और नागपुर में ऐसी हिंसा नहीं होनी चाहिए थी, जो अपने संतों के लिए जाना जाता है. रामनवमी के दौरान, यहां मुसलमानों ने हिंदुओं के स्वागत के लिए टेंट लगाए. यहां एक दरगाह है जहां सभी धर्मों के लोग - हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई - प्रार्थना करने आते हैं.' 

'बाहरी लोगों ने नागपुर में की हिंसा'

उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा शहर के बाहर से आए असामाजिक तत्वों के जरिए की गई थी. उन्होंने यह भी दावा किया,'इस हिंसा में शामिल लोग नागपुर के नहीं हैं. कुछ असामाजिक तत्व बाहर से आए और अशांति पैदा की.' शांति की अपील करते हुए खान ने जोर देकर कहा कि हिंसा किसी की मदद नहीं करती.

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