पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात के बाद हो सकते हैं ये 5 अहम समझौते
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पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात के बाद हो सकते हैं ये 5 अहम समझौते

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच नए समझौतों को लेकर बेहद अहम साबित होने वाली है. 

 नए समझौतों को लेकर बेहद अहम साबित होने वाली है मोदी और ट्रंप की मुलाकात

सौरभ गोयनका, नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच नए समझौतों को लेकर बेहद अहम साबित होने वाली है. मिली जानकारी के मुताबिक आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने पर भारत और अमेरिका कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं. 

भारत में सटीक खुफिया सूचनाओं की कमी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी समस्या रही है और इस मुश्किल का हल निकालने के लिए अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी और भारत के इंटेलीजेंस ब्यूरो के बीच समझौता हो सकता है. जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे के साथ आतंकवादियों से जुड़ी जानकारियां साझा करेंगे. 

इस यात्रा में दोनों देशों के बीच दो बड़े रक्षा समझौते भी हो सकते हैं. भारतीय नौसेना के लिए 18 हजार 200 करोड़ रुपए में 24 अमेरिकी हेलीकॉप्टर्स और 5600 करोड़ में भारतीय सेना के लिए 6 अपाचे हेलीकॉप्टर्स खरीदे जा सकते हैं. ये डील पिछले कई सालों से जारी सेना के हथियारों की कमी को पूरा करेगी और भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाएगी. 

भारत और अमेरिका के बीच इंडो पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए भी एक अहम समझौता हो सकता है. चीन के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए इस इलाके की सुरक्षा भारत और अमेरिका दोनों के लिए ही जरूरी है. कुछ ही दिनों में अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में एक डील होने की संभावना है. जिससे इस इलाके में शांति बनाए रखने में भारत का रोल बढ़ सकता है.

अमेरिका, अफगानिस्तान में अपने ऑपरेशन में भी भारत की मदद चाहता है और भारत को भी चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका की जरूरत है. H1-B वीजा भी ट्रंप और मोदी के बीच बातचीत का बड़ा मुद्दा रहेगा. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ये मुद्दा विवादों में है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में काम करने जाने वाले भारतीयों का वीजा खारिज होने की घटनाएं बढ़ी हैं. साल 2015 में सिर्फ 1 प्रतिशत भारतीयों का वीजा एप्लीकेशन रद्द किया गया था जो साल 2019 में बढ़कर 8 से 10 प्रतिशत तक पहुंच गया है.

उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रंप के इस दौरे के बाद इस स्थिति में सुधार आएगा. इसके अलावा IPR पर भी एक समझौता होने की संभावना है. IPR के तहत पेटेंट्स और कॉपीराइट जैसी चीजें आती हैं. अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन 10 देशों में शामिल है जहां IPR उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले होते हैं.

भारत के लिए इस एग्रीमेंट के बाद ऐसे सभी रिसर्च जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से पेटेंट्स और कॉपीराइट्स की जरूरत होती है उसमें आसानी होगी. और दवाइयों की टेस्टिंग और उनसे जुड़े पेटेंट्स हासिल करने में भी भारतीय कंपनियों को आसानी होगी. 

हालांकि ट्रंप के इस दौरे में अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील होने की उम्मीद थी. जो अभी कुछ समय के लिए टल गई है. अमेरिका, भारत के साथ अपने दवाइयों के व्यापार को बढ़ाना चाहता है और कृषि उत्पाद, खासकर डेयरी प्रोडक्ट्स की भारत में एंट्री चाहता है, जबकि भारत अमेरिका में अपने उत्पादों के एक्सपोर्ट पर मिलने वाले विशेष दर्जे को वापस चाहता है.

साल 2019 में विवाद के बाद अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील होने की उम्मीद थी. एक तथ्य ये भी है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत, अमेरिका के साथ व्यापार को बढ़ाना चाहता है और कृषि उत्पाद खासकर डेयरी प्रोडक्ट्स की भारत में एंट्री चाहता है.

लेकिन अब भी ये साल 2014 में तय किए गए 35 लाख करोड़ के लक्ष्य से बहुत दूर है. विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रंप और मोदी की मुलाकात में इस विवाद को सुलझाने के लिए एक स्पष्ट रणनीति तैयार की जा सकती है, जो दोनों देशों के हित में होगी. 

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