पटना: बिहार विधान सभा चुनाव के परिणाम (Bihar Election Result 2020) आ गए हैं और एनडीए (NDA) 125 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए बहुमत हासिल करने में कामयाब रही. बिहार में एनडीए की जीत में पीएम मोदी का बड़ा योगदान है और बिहार की जनता ने एक बार फिर देश को बता दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) राजनीति के सुपर स्टार क्यों हैं ?


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NDA में बीजेपी बनी नंबर 1 पार्टी
बीजेपी ने बिहार में 110 सीट, यानी आधे से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ा, फिर भी एनडीए (NDA) में नंबर 1 पार्टी बन गई. बीजेपी (BJP) ने 74 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि जेडीयू (JDU) को 43 सीटें मिलीं. वहीं तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में महागठबंधन 110 सीटों पर सिमट गई.


बिहार चुनाव के नतीजों से निकले 5 संदेश
1. बिहार में अब भी भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है और लोग मानते हैं कि आरजेडी (RJD) पर अभी भी लालू यादव (Lalu Yadav) की छाया है.
2. बिहार चुनाव के नतीजों ने ये भी बताया कि परिवारवाद अभी भी बड़ा मुद्दा है. बिहार को डबल इंजन सरकार चाहिए, परिवारवाद के डबल युवराज नहीं.
3. बिहार में रोजगार सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं है. लोग राम मंदिर और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर बीजेपी (BJP) के साथ हैं.
4. जंगल राज का डर 15 साल बाद भी बिहार को डराता है और नीतीश के नेतृत्व से बिहार को कोई आपत्ति नहीं है.
5. बिहार चुनाव ने फिर साबित किया कि भारतीय राजनीति में 'ब्रांड मोदी' सबसे भरोसेमंद है और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ कैसे जनमत बनाने की ताकत रखते हैं.


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योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी को पहुंचाया फायदा
बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बिहार में 6 दिन में 18 रैलियां कीं. उनकी रैलियां ज्यादातर उन जगहों पर थीं, जहां 2015 के चुनाव में महागठबंधन ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया था. योगी ने जमुई, काराकाट, पालीगंज, तरारी, अरवल में रैलियां की, 2015 के चुनाव में ये सभी सीटें बीजेपी हार गई थी. इसके अलावा योगी ने पूर्णिया, सहरसा, सिवान, गोरेयाकोठी, भागलपुर, गोविंदगंज, झंझारपुर और दरभंगा में भी प्रचार किया. बीजेपी को इन जगहों पर योगी के चुनाव प्रचार का फायदा मिला.


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नीतीश पर कम हो रहा है जनता का भरोसा
बिहार में बीजेपी का मुफ्त कोरोना वैक्सीन का प्रचार भी काम कर गया और बीजेपी (BJP) चुनाव नतीजों में आत्मनिर्भर हो गई. लेकिन जेडीयू को बिहार ने सीधा संदेश दिया कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व से लोगों का भरोसा कम हो रहा है. कोरोना काल में बिहार लौटे लोग नीतीश से नाराज थे. बेरोजगारी और बाढ़ की वजह से नीतीश के खिलाफ माहौल था.  नीतीश 15 साल से लगातार सत्ता में हैं, ऐसे में उनके खिलाफ एंटी इनकंबेसी का फैक्टर भी काम कर रहा था.


मोदी मैजिक ने किया बड़ा काम
बिहार की जनता की नाराजगी को देखते हुए चिराग पासवान (Chirag Paswan) बिहार में नीतीश के खिलाफ खड़े हो गए. ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की बिहार में एंट्री हुई और दमदार ढंग से महागठबंधन के खिलाफ माहौल खड़ा कर दिया. 15 साल के शासन के बाद जनता में थोड़ी बहुत नाराजगी तो स्वाभाविक है, लेकिन इस सत्ता विरोधी लहर के बावजूद अगर एनडीए को बिहार में जीत मिली और नीतीश कुमार की ताजपोशी का रास्ता साफ हुआ तो इसकी सबसे बड़ी वजह '​ब्रांड मोदी' थी. जिस पर बिहार की जनता ने एक बार फिर से भरोसा जताया है.


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