पाकिस्‍तान: चुनाव जीतने के लिए नेता मांग रहे PM मोदी के नाम पर वोट
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पाकिस्‍तान: चुनाव जीतने के लिए नेता मांग रहे PM मोदी के नाम पर वोट

पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान से लेकर आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के नेता हाफिज सईद समेत तमाम छोटे-बड़े राजनेता पीएम मोदी के विरोध के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं.

पाकिस्‍तान में आम चुनावों के लिहाज से इस बार भारत विरोध थोड़ा कम देखने को मिल रहा है लेकिन इस बार वहां की सियासत की धुरी पीएम नरेंद्र मोदी के पुरजोर विरोध पर टिकी है.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: पाकिस्‍तान के चुनावों में हमेशा भारत विरोध का मुद्दा जरूर होता है और इसी आधार पर जनता की भावनाओं को भड़काकर वोटों की फसल काटने की कवायद वहां के सियासदां लंबे समय से करते रहे हैं. अबकी बार मामला थोड़ा अलग है. पाकिस्‍तान में 25 जुलाई को होने जा रहे आम चुनावों के लिहाज से इस बार भारत विरोध थोड़ा कम देखने को मिल रहा है लेकिन इस बार वहां की सियासत की धुरी पीएम नरेंद्र मोदी के पुरजोर विरोध पर टिकी है.

  1. पाकिस्‍तान में 25 जुलाई को होने जा रहे आम चुनाव
  2. इमरान खान इस बार सबसे बड़ा चेहरे बनकर उभरे
  3. नवाज शरीफ चुनाव से ऐन पहले भ्रष्‍टाचार के मामले में जेल पहुंचे

नवाज शरीफ के जेल जाने के बाद इन चुनावों में सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान से लेकर आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के नेता हाफिज सईद समेत तमाम छोटे-बड़े राजनेता पीएम मोदी के विरोध के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं.

इमरान खान
पिछले दिनों इमरान खान ने प्रसिद्ध डॉन को दिए एक इंटरव्‍यू में कहा कि पाकिस्‍तान ने तो भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की लेकिन मोदी सरकार की पाकिस्‍तान विरोधी आक्रामक नीतियों की वजह से दोनों सरकारों के बीच रिश्‍ते सहज नहीं रहे. उन्‍होंने यहां तक कहा कि जब पीएम मोदी की नीति ही पाकिस्‍तानी विरोध की है तो पाक अकेला क्‍या कर सकता है?

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विश्‍लेषकों के मुताबिक इमरान खान दरअसल भारतीय प्रधानमंत्री पर हमले बेहद सोची-समझी रणनीति के तहत कर रहे हैं. (फाइल फोटो)

सिर्फ इतना ही नहीं इमरान खान के प्रचार का तरीका भी काफी हद तक पीएम मोदी की शैली से मिलता-जुलता है. वह बाकी दलों पर उसी तरह परिवारवाद और भ्रष्‍टाचार के आरोप लगा रहे हैं जिस तरह पीएम मोदी कांग्रेस जैसे दलों पर हमला करते हैं. विश्‍लेषकों के मुताबिक इमरान खान दरअसल भारतीय प्रधानमंत्री पर हमले बेहद सोची-समझी रणनीति के तहत कर रहे हैं. दरअसल उनको पता है कि पाकिस्‍तान में पीएम मोदी के नाम के विरोध में उनको चुनावी फायदा हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि पाकिस्‍तान में यह आम धारणा विकसित हो रही है कि पीएम मोदी की सधी विदेश नीति के चलते पाकिस्‍तान अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर अलग-थलग पड़ता जा है और इसके बरक्‍स भारत के कद में लगातार इजाफा हो रहा है.

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हाफिज सईद
2008 के मुंबई आतंकी हमलों का मारस्‍टमाइंड हाफिज सईद ने इस बार अपने प्रत्‍याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है. इसका बेटा और दामाद तक चुनाव लड़ रहे हैं. इसकी पार्टी को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिली तो इसने एक दूसरे पंजीकृत दल के बैनर तले अपने प्रत्‍याशियों को उतारा है. वह अपनी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना साधते हुए कह रहा है कि मोदी सरकार कश्‍मीर में नदिइयों पर बांध बनाना चाहती है. ऐसा कर वह पाकिस्‍तान का पानी रोकने का मंसूबा रखती है. लिहाजा वह अवाम से कह रहा है कि ऐसे लोगों को संसद में भेंजे जो भारत सरकार के इन कदमों को रोकने का साहस कर सकें.

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