अब्दुला ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि, पीएम मोदी और राष्ट्रपति को कश्मीर के लोगों के हित को समझना चाहिए.
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा घाटी में 10,000 सैनिकों की तैनाती के बाद पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस बीजेपी सरकार को को लगातार चेतावनी दे रही है. इसी बीच रविवार को कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक की गई. बैठक पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के निवास पर होनी थी, लेकिन अंतिम समय में एनसी संरक्षक, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के घर में स्थानांतरित कर दी गई. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर ऑल पार्टी केे नेता लोग मीटिंग के लिए इकट्ठा हुए. बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं राज्य के लोगों से अपील करता हूं कि वे शांत रहें.
National Conference leader Farooq Abdullah after an All Party meet in Srinagar: It was unanimously decided that all the parties will be united in their resolve to protect & defend identity, autonomy & special status of Jammu & Kashmir and Ladakh, against all attacks, whatsoever. https://t.co/ntYb6rPdV1
— ANI (@ANI) August 4, 2019
मैं भारत और पाकिस्तान से अपील करता हूं कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे लोगों को परेशानी हो और दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़े.' अब्दुल्ला ने कहा कि, घाटी के लोग डरे हुए हैं. आज तक कभी अमरनाथ यात्रा समय से पहले खत्म नहीं हुई है. अब्दुला ने बैठक में कहा कि, पीएम मोदी और राष्ट्रपति को कश्मीर के लोगों के हित को समझना चाहिए. उन्हें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे माहौल खराब हो. राज्य का विशेष दर्जा खत्म न किया जाए. कश्मीर में सेना की तैनाती से डर का माहौल है.
कश्मीर में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. हर इंसान घबराया हुआ है. ये जम्मू कश्मीर के लिए बुरा वक्त है. इससे पहले पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके फारुख अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की थी. महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हाल के घटनाक्रमों के प्रकाश में आने से जम्मू-कश्मीर में दहशत का माहौल है.'
उन्होंने कहा था कि मैंने डॉ फारूक अब्दुल्लासे एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया है. एक साथ आने और एकजुट प्रतिक्रिया देने के लिए समय की आवश्यकता है. हमें कश्मीर के लोगों को एक होने की जरूरत है.