DNA Analysis: वह खेल का जहां खिलाड़ी भी हमारे थे, मैदान भी हमारा था.. लेकिन अफसोस की बात है कि वहां हमारे ही राष्ट्रध्वज का अपमान हुआ. राष्ट्रध्वज के अपमान से जुड़ा ये मुद्दा गंभीर है..
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DNA: अहमदाबाद में एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप चल रही है. 10 अक्टूबर तक चलने वाली इस चैंपियनशिप में 35 देशों के 800 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं. भारत ने चैंपियनशिप में अब तक 13 मेडल जीते हैं. टूर्नामेंट में इतिहास में ये भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. लेकिन आज हम एशियाई एक्वेटिक्स चैंपियनशिप की चर्चा मेडल की वजह से नहीं कर रहे हैं.
राष्ट्र ध्वज का अपमान
चैंपियनशिप के दौरान राष्ट्र ध्वज का अपमान हुआ है. जो तिरंगा हमारी शान है, उसका अपमान हुआ है. चैंपियनशिप के दौरान कुछ खिलाड़ी अंडरगारमेंट पर तिरंगा लगाए दिखे. ये तस्वीर आपके सामने है.
अंडरगारमेंट पर तिरंगा
अंडरगारमेंट पर राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक तिरंगा. ये बोलते हुए भी मुझे शर्मिंदगी हो रही है. कोई भी भारतवासी तिरंगे पर ऐसी सोच कैसे रख सकता है. हम नहीं चाहते थे कि ये तस्वीर आपको दिखाएं. लेकिन अगर ये तस्वीर नहीं दिखाएंगे तो हो सकता है, फिर से किसी खेल में. किसी मैदान पर इसी तरह हमारे तिरंगे का अपमान किया जाए.
अंडरगारमेट पर तिरंगा कैसे लगा सकते हैं?
जिस तिरंगे को आम भारतीय अपने सीने पर मेडल की तरह लगाता है. जिस तिरंगे को देश के शूरवीर अपनी वर्दी पर लगाते हैं. जिस तिरंगे में लिपटकर शहीद अपने घर आता है. जिस राष्ट्रध्वज के लिए कहा जाता है कि तिरंगा हवाओं से नहीं शहीदों की सांसों से लहराता है. उस तिरंगे को कोई अपने अंडरगारमेट पर कैसे लगा सकता है. ये राष्ट्रध्वज का अपमान है. ये 140 करोड़ भारतीयों का अपमान है. ये अपमान है उन शूरवीरों का जिन्होंने सिर्फ इस वजह से कुर्बानी दे दी ताकि हमारा तिरंगा शान से लहराता रहे.
टूर्नामेंट के नियम का उल्लंघन
अगर गलती से ऐसा होता तो माफ किया जा सकता था. अगर चैंपियनशिप के नियम में राष्ट्रध्वज लगाना अनिवार्य होता, तब भी इसे खेल का विषय मानकर क्षमा किया जा सकता था. लेकिन आप जानकार गुस्से से भर उठेंगे कि टूर्नामेंट में राष्ट्रध्वज लगाना अनिवार्य नहीं है. यानी ये खेल का नियम नहीं है. अगर खिलाड़ी राष्ट्रध्वज नहीं लगाते तो ये टूर्नामेंट के नियम का उल्लंघन नहीं होता. फिर कुछ खिलाड़ियों ने ये अपराध, ये पाप क्यों किया.
प्रशासकों पर सवाल
सवाल सिर्फ खिलाड़ियों पर नहीं है. सवाल उन खेल प्रशासकों पर भी है जो मेडल जितने पर वाहवाही ले रहे हैं. लेकिन उन्हें राष्ट्रध्वज के सम्मान का ख्याल नहीं रहा. हो सकता है खिलाड़ियों का ध्यान खेल पर केंद्रीत हो, लेकिन भारतीय टीम से जुड़े मैनेजर क्या कर रहे थे. क्या उन्हें नहीं पता था कि खिलाड़ियों के अंडरगारमेंट पर तिरंगा लगाना राष्ट्रध्वज का अपमान है. सवाल खिलाड़ियों के प्रशिक्षकों पर भी है.
राष्ट्रीय शर्म की बात
ये टूर्नामेंट भारत में हो रहा है. यानी स्टेडिम में सुरक्षाकर्मी से लेकर खेल से जुड़े तमाम अधिकारी, कर्मचारी भारतीय हैं. ऐसी व्यवस्था में भी तिरंगे का अपमान हुआ और किसी ने नोटिस नहीं किया. ये एक भारतीय के तौर पर हमारे लिए राष्ट्रीय शर्म की बात है.
राष्ट्रध्वज को लेकर नियम
तिरंगे का अपमान करनेवालों को आज हम फिर बताना चाहेंगे कि हमारे देश में राष्ट्रध्वज को लेकर एक नियम है. सामाजिक विज्ञान के सिलेबस में हर भारतीय ने ये नियम कई बार पढ़ा है. एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते आज हम इन लापरवाह लोगों को फिर तिरंगे से जुड़े नियम की जानकारी देना चाहेंगे.
तिरंगे से जुड़े नियम
-भारतीय ध्वज संहिता 2002 और राष्ट्रीय सम्मान का अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत तय नियमों के तहत.
-भारतीय नागरिक राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान के साथ किसी भी दिन फहरा सकते हैं.
-राष्ट्रीय ध्वज को अन्य ध्वजों के ऊपर फहराया जाना चाहिए.
-ध्वज को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जाना चाहिए.
-इसे पानी में नहीं डुबोया जाना चाहिए.
-राष्ट्रीय ध्वज को कपड़े, कवर, या ड्रेस के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
-राष्ट्रध्वज का अपमान करने पर 3 साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. अब सोचिए अहमदाबाद में क्या हुआ.
तैराकों ने अंडरगारमेंट पर तिरंगा लगाया
तैराकों ने अंडरगारमेंट पर तिरंगा लगाया. उन्होंने तिरंगे को पानी मे डुबाया भी होगा. ये फ्लैग कोड के तहत अपराध है. एक भारतीय के तौर पर हमारी पहली जिम्मेदारी है कि हम देश के सम्मान की सुरक्षा करें. तिरंगा देश के सम्मान का प्रतीक है. इसलिए देश के सम्मान को अपमानित करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मित्रो तिरंगे का अपमान करनेवालों को हम याद दिलाना चाहेंगे कि दुनिया के कई देशों में नेशनल फ्लैग के अपमान पर कड़ी सजा का प्रावधान है.
नेशनल फ्लैग के अपमान पर कड़ी सजा
-अल्जीरिया में राष्ट्रध्वज का अपमान करने पर 10 साल तक कैद हो सकती है.
-तुर्की में नेशनल फ्लैग का अपमान करने पर 3 साल की कैद हो सकती है.
-जर्मनी में नेशनल फ्लैग को अपमानित या क्षतिग्रस्त करने पर 5 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है.
-सऊदी अरब में राष्ट्रध्वज का अपमान ईशनिंदा समझा जाता है. यहां नेशनल फ्लैग के अपमान पर ईशनिंदा जैसी सजा होती है.
राष्ट्रध्वज का सम्मान देश का सम्मान
राष्ट्रध्वज का सम्मान देश का सम्मान है. इसलिए अहमदाबाद में तिरंगे का अपमान करनेवालों को माफी मांगनी चाहिए. पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि ये 140 करोड़ भारतीयों के स्वाभिमान और गर्व से जुड़ा विषय है.