आग पर काबू पाया जा चुका है. आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाया है. इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं.
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नई दिल्ली: नेवी युद्धपोत INS विक्रांत में आग लगने की खबर आ रही है. हालांकि, आग पर काबू पाया जा चुका है, लेकिन आग लगने की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है. आग बुझाने के दौरान एक नेवी अफसर के शहीद होने की खबर आ रही है. फिलहाल, हालात काबू में है. इस हादसे की जांच का आदेश दे दिया गया है.
आईएनएस विक्रमादित्य में आग लगने की घटना शुक्रवार सुबह उस वक्त हुई जब वह कर्नाटक के कारवार स्थित हार्बर में दाखिल हो रहा था. एक अधिकारी ने बताया कि तेजी से कदम उठाते हुए पोत के चालक दल ने आग को नियंत्रित किया, जिससे इसकी लड़ाकू क्षमता को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा. नौसेना ने कहा कि लेफ्टिनेंट कोमोडोर डी एस चौहान ने प्रभावित हिस्से में आग बुझाने की कोशिशों की बहादुरी से अगुवाई की. आग पर तो काबू पा लिया गया, लेकिन आग की लपटों और धुएं के कारण चौहान बेहोश हो गए.
उन्हें तुरंत इलाज के लिए कारवार स्थित नौसैनिक अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. घटना किन वजहों से और किन परिस्थितियों में हुई, इस बात की जांच के लिए एक ‘बोर्ड ऑफ एन्क्वायरी’ के आदेश दे दिए गए हैं.
2014 में आईएनएस विक्रमादित्य के नौसेना में शामिल होने के बाद ये तीसरी दुर्घटना है. नेवी ने कहा है कि आग की इस घटना से आईएनएस की युद्ध क्षमता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. 2016 में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जहरीली गैसों के रिसाव से दो लोगों की मौत हुई थी. 2017 में हाइड्रोलिक फेल्युअर के कारण एक एमआईजी 29 के एयरक्राफ्ट की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी.
आईएनएस विक्रमादित्य सोवियत एयरक्राफ्ट करियर है. इसका वास्तविक नाम बाकु है. इसे 2004 में भारत को बेचा गया था.