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मुंबई: ड्रग्स केस (Mumbai Drugs Case) से शुरू हुआ मामला अब राजनीतिक जंग में बदल गया है और रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और एनसीपी नेता नवाब मलिक लगातार एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बुधवार को देवेंद्र फडणवीस के आरोपों का जवाब दिया और इसके साथ ही उन पर कई बड़े आरोप लगाए.
नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के मुख्यमंत्री रहते पूरे महाराष्ट्र में उगाही का काम हुआ. उन्होंने मुन्ना यादव और हैदर आजम को पालापोसा और आश्रय दिया. अंडरवर्ल्ड के लोग अपराध करते थे और फडणवीस सरकार उन्हें बचाती थी.' मलिक ने पूछा, 'नागपुर के गुंडे मुन्ना यादव को पद क्यों दिया? फडणवीस ने बांग्लादेशी हैदर आजम को भारतीय नागरिक बनाने का काम किया और उन्हें पद दिया. आपके इशारे पर पूरे महाराष्ट्र में उगाही का काम हो रहा था या नहीं? बिल्डरों से वसूली हो रही थी या नहीं?'
नवाब मलिक (Nawab Malik) ने नोटबंदी के दौरान नकली नोट की धांधली करने का भी आरोप लगाया और कहा कि ऐसे मामलों को देंवेद्रजी ने रफादफा करने का काम किया. नवाब मलिक ने कहा, 'देश में पांच साल पहले 8 नवंबर को नोटबंदी हुई और पूरे देश में जाली नोट पकड़े जाने लगे, लेकिन महाराष्ट्र में एक साल तक जाली नोट का एक भी मामला सामने नहीं आया, क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के प्रोटेक्शन में जाली नोट का काम चल रहा था. 8 अक्टूबर 2017 को 14 करोड़ 56 लाख के जाली नोट पकड़े गए, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले को रफा दफा कर दिया. जाली नोट चलाने वालों को तत्कालीन सरकार का संरक्षण था.'
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को नवाब मलिक (Nawab Malik) पर कई आरोप लगाए थे. उन्होंने दावा किया कि नवाब मलिक के परिवार ने अंडरवर्ल्ड के लोगों से जमीन खरीदी थी. उन्होंने यह भी कहा कि जमीन को दाऊद के लोगों से सस्ते में खरीदा गया. देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई दस्तावेज भी दिखाए और कहा कि वे ये दस्तावेज NCP प्रमुख शरद पवार को सौंपेंगे.
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