बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा की राह पर लौट रहे हैं नक्सली और आदिवासी
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बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा की राह पर लौट रहे हैं नक्सली और आदिवासी

आदिवासी बहुल विदर्भ जिले में उचित शिक्षा सुविधाओं की कमी के कारण कई युवक नक्सल अभियान से जुड़ जाते हैं.

फाइल फोटो

गढ़चिरौली : आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली और पढ़ाई अधूरी छोड़ने वाले कई आदिवासियों को अब जीवन में शिक्षा का महत्व समझ आ रहा है और वे बेहतर भविष्य के लिए एकबार फिर शिक्षा की डगर पर लौट रहे हैं.

आदिवासी बहुल विदर्भ जिले में उचित शिक्षा सुविधाओं की कमी के कारण कई युवक नक्सल अभियान से जुड़ जाते हैं. लेकिन, उनमें से कुछ ने इसकी निरर्थकता को महसूस किया और राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. कुर्खेदा तालुका स्थित ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय’ का एक अध्ययन केंद्र इन लोगों को दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के तहत उच्च शिक्षा पूरी करने का अवसर प्रदान कर रहा है.

विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों सहित करीब 468 छात्र इग्नू के गढ़चिरौली शिक्षा केन्द्र से विभिन्न डिप्लोमा और डिग्री कोर्स कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इग्नू वर्ष 2013 से जिले में कुछ शिक्षा केन्द्र चला रहा है.

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