Mumbai में शेयर ब्रोकर को 21 साल बाद मिलेंगे बीमा के 2.53 करोड़ रुपये, NCDRC ने दिया आदेश
Advertisement
trendingNow1844345

Mumbai में शेयर ब्रोकर को 21 साल बाद मिलेंगे बीमा के 2.53 करोड़ रुपये, NCDRC ने दिया आदेश

मुंबई के एक स्टॉक ब्रोकर को आखिरकार 21 साल की कानूनी लड़ाई के बाद इंसाफ मिल गया है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने ब्रोकर की शिकायत को सही मानते हुए 2.53 करोड़ रुपये की बीमा राशि देने का आदेश दिया है.

Mumbai में शेयर ब्रोकर को 21 साल बाद मिलेंगे बीमा के 2.53 करोड़ रुपये, NCDRC ने दिया आदेश

मुंबई: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने मुंबई (Mumbai) के एक शेयर ब्रोकर को 2.53 करोड़ रुपये की बीमा राशि देने का आदेश दिया है. शेयर ब्रोकर ने यह दावा राशि (Insurance Claim) पाने के लिए 21 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसके बाद यह आदेश आया है. 

  1. वर्ष 2000 में NCDRC में दायर किया था केस
  2. बीमा कंपनी ने दावा अस्वीकार कर दिया था
  3. 21 साल की सुनवाई के बाद ब्रोकर को इंसाफ

वर्ष 2000 में NCDRC में दायर किया था केस

जानकारी के मुताबिक मुंबई  (Mumbai) के M/s. RR Chokhani स्टॉक ब्रोकर ने 2000 में यह केस फाइल किया था. शिकायत के मुताबिक  M/s. RR Chokhani फर्म ने 15 मार्च 2000 नोटिस किया कि उसके एक कर्मचारी ने फ्रॉड किया है. फर्म की आंतरिक जांच में पता चला कि उसके एक कर्मचारी ने बिना मंजूरी के क्लाइंट से पैसे लेकर शेयर में लगा दिए, जो बाद में डूब गए. जिसके चलते फर्म को भारी नुकसना झेलना पड़ा. इस घटना के 3 दिन बाद उस कर्मचारी ने सुसाइड कर लिया. मरने से पहले उसने एक नोट लिखा, जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसने वह फ्रॉड किया था. 

बीमा कंपनी ने दावा अस्वीकार कर दिया था

इसके बाद शेयर ब्रोकर ने 31 मार्च 2000 को एक करोड़ रुपये के इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim)के लिएलिखित दावा किया. लेकिन  The New India Assurance Company Ltd. ने यह कहकर दावा अस्वीकार कर दिया कि फर्म को वह नुकसान उसके कर्मचारी की धोखेबाजी की वजह से हुआ है और इस प्रकार की हरकत उसके बीमा कवर के बाहर है. बीमा कंपनी से दावा रिजेक्ट होने के बाद शेयर ब्रोकर ने NCDRC में अपनी शिकायत दी. 

21 साल की सुनवाई के बाद ब्रोकर को इंसाफ

करीब 21 साल चली सुनवाई के बाद अब NCDRC ने The New India Assurance Company Ltd. का दावा अस्वीकार करने का तर्क खारिज कर दिया है. पिछले हफ्ते दिए अपने आदेश में NCDRC ने कहा कि वादी के तर्कों से साबित हो गया है कि उसके कर्मचारी के बेईमानी से उसे भारी नुकसान झेलना पड़ा और बाद में उस कर्मचारी ने आत्मग्लानि में सुसाइड कर लिया. इससे साबित होता है कि इस वाकये के लिए शेयर ब्रोकर जिम्मेदार नहीं था. ऐसे में बीमा नीति के तहत उसका दावा वाजिब बनता है. 

ये भी पढ़ें- ऐसे करें क्लेम, 30 दिनों के भीतर मिल जाएगा लाइफ इंश्योरेंस का पूरा पैसा

तीन महीने में 2.5 करोड़ रुपये धनराशि देने का आदेश

NCDRC ने The New India Assurance Company Ltd. को आदेश दिया कि वह वादी शेयर ब्रोकर को हुए 1 करोड़ रुपये को 9 प्रतिशत ब्याज राशि के साथ वापस करे. वर्ष 2003 से गणना करने पर यह राशि 2.53 करोड़ रुपये बनती है. आयोग ने चेतावनी दी कि वह 3 महीने के अंदर यह पेमेंट अदा करे. चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर बीमा कंपनी को 12 प्रतिशत ब्याज राशि के साथ धनराशि देनी होगी. आयोग ने शेयर ब्रोकर को मुकदमा खर्च के रूप में 1 लाख रुपये की धनराशि भी वादी को देने का आदेश दिया. 

VIDEO

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news