कोलकाता : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम जटिल है और सरकार ने इसे घटाकर आधा करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे को कैबिनेट के सामने इस माह के अंत में पेश किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार छोटे बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करने के लिए भी एक विधेयक ला रही है, इसमें स्कूलों द्वारा बच्चों को होमवर्क नहीं दिए जाने का भी प्रावधान होगा.


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उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही एक बच्चे को फिजिकल एजुकेशन और मूल्यपरक शिक्षा की आवश्यकता होती है. शिक्षा का मतलब केवल याद करना और उत्तर पुस्तिका में लिखना भर नहीं है. शिक्षा व्यापक है. एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम बेहद जटिल है इसलिए हमने इसे घटाकर आधा करने का निर्णय लिया है. 


नो होमवर्क विधेयक लाएगी सरकार
पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के बस्ते का बोझ कम करने तथा स्कूलों द्वारा होमवर्क नहीं दिए जाने को लेकर सरकार संसद में एक विधेयक पेश करेगी. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है केंद्र सरकार इस सिलसिले में संसद के मॉनसून सत्र में एक विधेयक लाएगी. 


छोटे बच्चों के बस्ते का बोझ होगा कम, ‘नो होमवर्क’ विधेयक लाएगी सरकार


मद्रास उच्च न्यायालय के 30 मई के एक अंतरिम आदेश के मद्देनजर जावड़ेकर की यह टिप्पणी आई है. अदालत ने केंद्र से कहा था कि वह राज्य सरकारों को यह निर्देश जारी करे कि वे स्कूली बच्चों के बस्ते का भार घटाएं और पहली एवं दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क से छुटकारा दिलाएं. जावड़ेकर ने कहा कि उनका मानना है कि नीरस तरीके से नहीं सीखा जा सकता है. 


उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं फैसले (अदालत के) का स्वागत करता हूं. हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और जो कुछ भी जरूरी होगा, हम करेंगे.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुपालन में सरकार मॉनसून सत्र में ‘नो होमवर्क’ विधेयक लाएगी और इसके पारित हो जाने की उम्मीद है. 


अदालत ने इस बात का जिक्र किया था कि बच्चे ना तो भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) हैं ना ही बस्ते से लदे कंटेनर हैं. इसने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्कूली बस्ते का वजन बच्चे के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. 


(इनपुट भाषा से)