संसद भवन के पिछले दरवाजे से निकले शरद पवार, महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सस्पेंस बरकरार
खबर आई है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार संसद भवन के पिछले दरवाजे से बाहर निकले हैं और बताया जा रहा है कि वह दिल्ली स्थित अपने आवास पर महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं.
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सोमवार सुबह शरद पवार के बयान और संसद में प्रधानमंत्री मोदी के NCP की तारीफ ने राजनीतिक गलियारों में एक अलग ही चर्चा छेड़ दी है. आजतक तो सिर्फ़ शिवसेना, NCP और कांग्रेस की सरकार बनाने की चर्चा थी. अब बीजपी और NCP की नज़दीकियों की चर्चा भी तेज हो गई है. हालांकि शिवसेना के नेताओं का दावा है कि दिसंबर के पहले हफ़्ते तक उनकी सरकार बन जाएगी. इसी बीच खबर आई है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार संसद भवन के पिछले दरवाजे से बाहर निकले हैं और बताया जा रहा है कि वह दिल्ली स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं.
वैसे इस बीच महाराष्ट्र के चुनावी नतीज़ों के बाद शरद पवार और सोनिया गांधी की दूसरी बार मुलाकात से क्या निकलेगा, इसपर भी सबकी नज़र है. महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को नतीजे आने के बाद क्या क्या राजनीतिक घटना हुई. इसपर एक नज़र डालना जरूरी है.
- 4 नवंबर को शरद पवार और सोनिया गांधी की पहली मुलाकात हुई थी, जिसके बाद से ही महाराष्ट्र में शिवसेना, NCP और कांग्रेस की सरकार बनाने को लेकर कवायद शुरू हुई थी.
- 8 नवंबर को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सरकार बनाने को लेकर असमर्थता जताई.
- उसके बाद 9 नवंबर को कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सुबह CWC की बैठक बुलाई और शाम में महाराष्ट्र के नेताओं के साथ बैठक की . लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. कांग्रेस पार्टी ने एक स्टेटमेंट जारी कर ये कहा कि सोनिया गांधी की शरद पवार से फोन पर बात हुई है महाराष्ट्र को लेकर, और अभी और भी बातचीत का दौर चलेगा.
- 9 नवंबर को ही शिवसेना को गवर्नर ने 7 बजे का समय था मिलने का. उससे पहले कांग्रेस और NCP का समर्थन मिल जाएगा, ऐसी चर्चा थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. शिवसेना के नेताओं को खाली हाथ राज्यपाल भवन से वापस लौटना पड़ा.
- 10 नवंबर को कांग्रेस के 3 सीनियर नेताओं का एक delegation मुंबई बातचीत के लिए गया. वहां उनकी NCP नेताओं से मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद दोनों दलों ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने की बात की. लेकिन उस दिन भी NCP और कांग्रेस के नेताओं ने शिवसेना से दूरी बनाए रखी.
- 10 तारीख़ को ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया.
- इसके बाद शिवसेना, NCP और कांग्रेस के महाराष्ट्र के नेताओं के बीच मुंबई में सरकार बनाने और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर चर्चा हुई.
- फिर शरद पवार ने 17 नवंबर को पुणे में NCP के कोर कमेटी की बैठक की. जिसमें ये तय हुआ कि 18 तारीख को.पवार साहब सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे.
- इस बीच बीजेपी ने शांत रहकर पूरे मामले में wait & watch की रणनीति पर काम किया. हालांकि इस बीच उनके भी कुछ नेताओं ने बीजपी सरकार बनाने की संभावना बताई.
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