केरल में भयानक बाढ़ के चलते अब तक 37 लोगों की मौत हो गई है.
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इडुक्की: केरल में पिछले 50 वर्षों में सबसे भयानक बाढ़ के बीच एक डूबते पुल से बच्चे को छाती से चिपकाकर दूसरी तरफ भागकर उसको बचाने की एक एनडीआरएफ (NDRF) कांस्टेबल की तस्वीर एक ओर जहां पूरे राज्य में व्याप्त बाढ़ की विभीषिका को पेश करती है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इस कांस्टेबल की चर्चा हीरो की तरह हो रही है. एनडीआरएफ में कांस्टेबल कन्हैया कुमार बिहार के रहने वाले हैं. ये घटना पिछले शुक्रवार की है, जब इडुक्की जलाशय के सभी पांचों गेट खोल दिए गए. इसके चलते अचानक नदी में पानी तेजी से बढ़ने लगा.
उस दौरान उन्होंने देखा कि एक पुल के दूसरी तरफ एक पिता अपने बच्चे के साथ खड़ा है लेकिन पानी के बढ़ते बहाव के कारण दहशत की वजह से पुल पार करने से कतरा रहा है. मौके की नजाकत को भांपते हुए कन्हैया कुमार ने एक भी क्षण गंवाए बिना तेजी से पुल के दूसरी तरफ पिता-पुत्र के पास पहुंचे. एक ही झटके में बच्चे को छीनकर गोद में लिया और पिता से पीछे-पीछे दौड़कर आने को कहा. उसके बाद समय रहते वे लोग सुरक्षित जगह पहुंच गए. इसके चंद मिनटों बाद पुल पानी में डूब गया. सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के वायरल होने के साथ ही केरल में उनको हीरो की तरह सम्मान दिया जा रहा है. कन्हैया कुमार को अपने काम का छह वर्षों का अनुभव है. वह डीप डाइविंग में एक्सपर्ट हैं और तमिलनाडु के एराक्कोनम में स्थित एनडीआरएफ की चौथी बटालियन का हिस्सा हैं. इससे पहले वह आपदा राहत कार्यों से जुड़े कई खतरनाक मिशन का हिस्सा रहे हैं.
केरल में मृतक संख्या 37 हुई
इस बीच पिछले कुछ दिनों से केरल में हो रही जबर्दस्त बारिश के कारण गत आठ अगस्त से बारिश से संबंधित घटनाओं में मृतकों की संख्या 37 हो गई है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों इडुक्की और वयनाड का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने कहा कि केरल भयंकर बाढ़ से गुजर रहा है और आपदा के कारण काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि अपने घरों और भूमि को खोने वाले लोगों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा और अपने परिवार के सदस्य को गंवाने वालों को चार लाख रुपये दिये जायेंगे.
भारतीय मौसम विभाग ने ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए लोगों से सावधानी बरतने के लिए कहा है क्योंकि इडुक्की,वयनाड, कन्नूर, एर्नाकुलम, पल्लकड़ और मलाप्पुरम के ज्यादातर स्थानों पर भारी से भारी बारिश होने के आसार है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के अन्य हिस्सों से चार और शव बरामद होने के साथ ही बारिश जनित घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है.
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राज्य आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने बताया कि केरल में 341 राहत शिविरों में कुल 35,874 लोग ठहरे हुए है. उन्होंने बताया कि कुल 580 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये जबकि 44 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये. उन्होंने बताया कि 1301 हेक्टेयर में फैली फसल नष्ट हो गई. महासागर सूचना सेवाओं के लिए भारतीय राष्ट्रीय केंद्र के अनुसार केरल के निम्न तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आने की आशंका है.
इडुक्की बांध से पानी छोड़े जाने से पेरियार नदी के किनारों और एर्नाकुलम जिले के हिस्सों में बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए सरकारी मशीनरी के साथ-साथ सेना, नौसेना और तटरक्षक बल लगातार अलर्ट पर है. केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और मुख्यमंत्री के साथ बात करेंगे. इससे पूर्व खराब मौसम के चलते मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर इडुक्की के कट्टापना में नहीं उतर पाया था जहां वह इडुक्की बांध के पांच जलद्वार खोले जाने की पृष्ठभूमि पर बैठक करने वाले थे. इसके बाद उनका हेलीकॉप्टर वयनाड के लिए रवाना हुआ.
वयनाड में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुआवजे की घोषणा करते हुए विजयन ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे सभी परिवारों को 3,800-3,800 रुपये उपलब्ध कराये जायेंगे. विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथाला, राजस्व मंत्री ई चन्द्रशेखरन और वरिष्ठ अधिकारी हवाई सर्वेक्षण के दौरान विजयन के साथ मौजूद थे. इसके बाद एक फेसबुक पोस्ट में विजयन ने कहा कि करोड़ों रुपये का कृषि नुकसान हुआ है और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये.