सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बोबडे 18 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे.
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नई दिल्ली: भारत के होने वाले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे (Justice SA Bobde) ने सबसे बड़े विवाद अयोध्या केस पर जी मीडिया से कहा कि जल्द ही अयोध्या का फैसला सुना दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश में लंबित मुकदमों की सूची कम करने के लिए आर्टिफिशियल इटिलेजेंस जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. न्यायपलिका और सरकार के बीच मामलों की सुनवाई को लेकर अकसर तकरार की चर्चा होने पर जस्टिस बोबडे ने कहा कि अब सब ठीक हैं.
न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबड़े (Sharad Arvind Bobde) भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 29 अक्टूबर को उनके नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए. वह सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस (मुख्य न्यायाधीश) रंजन गोगोई की जगह लेंगे. जस्टिस बोबड़े 18 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे और लगभग 18 महीने तक इस पद पर रहेंगे.
वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है. उन्होंने दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति बोबडे को अपना उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की थी. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई भारत के 46वें मुख्य न्यायाधीश हैं. उन्होंने तीन अक्टूबर 2018 को अपना पदभार संभाला था.
न्यायमूर्ति बोबड़े सबसे लंबे समय तक चलने वाले अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों वाली संविधानिक पीठ का हिस्सा थे. मामले में अभी फैसला आना बाकी है.
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जस्टिस बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से ही कानून की डिग्री ली. इसके बाद 2000 में बॉम्बे हाइकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए थे. फिर 2012 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था. अप्रैल 2013 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति दी गई. जस्टिस बोबडे सीजेआई गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए बनी समिति में शामिल थे.