विदेश राज्य मंत्री वी.मुरलीधरन (MoS MEA Muraleedharan) ने शनिवार (27 जून) को कहा कि कॉरोनो वायरस दुनिया में निष्पक्षता, समानता और मानवता पर आधारित वैश्वीकरण के नए टेम्पलेट (Template of Globalisation) की जरूरत है.
Trending Photos
नई दिल्ली: विदेश राज्य मंत्री वी.मुरलीधरन (MoS MEA Muraleedharan) ने शनिवार (27 जून) को कहा कि कॉरोनो वायरस दुनिया में निष्पक्षता, समानता और मानवता पर आधारित वैश्वीकरण के नए टेम्पलेट (Template of Globalisation) की जरूरत है. मुरलीधरन ने वारसा डिक्लेरेशन की 20 वीं वर्षगांठ पर यह टिप्पणी की.
ये भी पढ़ें: Sushant Suicide Case को लेकर निशिकांत दुबे ने गृहमंत्री को लिखा लेटर, वायरल हुआ TWEET
MoS MEA के अनुसार, दुनिया में व्यापक पैमाने पपर डेमोक्रेसी को कैसे जज किया जाता है ये बात अब व्यक्तिगत स्तर के साथ-साथ कोरोनोवायरस को लेकर आने वाली सामूहिक प्रतिक्रिया निर्धारित करेगी. मुरलीधरन ने कहा कि कोविड -19 की प्रतिक्रिया भविष्य में दुनिया में लोकतंत्र के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
मुरलीधरन ने कहा कि बड़ी आबादी, मुक्त समाज और एक विकासशील देश के रूप में भारत के लिए कोरोना वायरस से लड़ना एक छोटी चुनौती नहीं है. मंत्री ने कहा, 'इस महामारी का सामना करने के दौरान हमें अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति सच्चे बने रहने के प्रति जागरूक होना होगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'हमारी प्रतिक्रिया से पता चला है कि एक लोगों का एक वास्तविक आंदोलन खड़ा करने के लिए लोकतंत्र, अनुशासन और निर्णायकता कैसे एक साथ आ सकती है. हम ना केवल अपने नागरिकों की देखभाल कर रहे हैं बल्कि भारत अपने पड़ोसियों और उससे आगे जाकर भी मदद कर रहा है.' भी हमारे पड़ोस और उससे आगे, अन्य सहयोगियों की मदद कर रहा है."
MoS MEA ने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर COVID-19 की सामूहिक प्रतिक्रिया में जो कमजोरियां रहीं उन कमियों ने मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की सीमाओं की ओर सभी का ध्यान खींचा है. उन्होंने कहा, "पोस्ट-कोविड दुनिया में हमें निष्पक्षता, समानता और मानवता पर आधारित वैश्वीकरण के एक नए टेम्पलेट की आवश्यकता है. हमें ऐसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की आवश्यकता है जो आज की दुनिया के प्रतिनिधि हों.'
मुरलीधरन ने यह भी कहा कि भारत अब फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा आपूर्ति का एक प्रमुख उत्पादक है और संकट के इस समय में नई दिल्ली ने 150 से अधिक साझेदार देशों को दवाइयां भेजी हैं. उन्होंने कहा, 'हम भारत की चिकित्सा विशेषज्ञता को दूसरों के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं. हम उपचार और वैक्सीन विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में लगातार सक्रिय हैं.'