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हैदराबाद: तेलंगाना (Telangana) की राजधानी हैदराबाद (Hyderabad) नए साल (New Year 2021) में कोरोना वायरस (Coronavirus) का 'रक्षक' साबित हो सकता है, क्योंकि इस शहर में पांच कंपनियां जानलेवा वायरस के खात्मे के लिए कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने के काम में लगी हुई हैं. भारत बायोटेक (Bharat Biotech), बायोजिकल ई लिमिटिड (Biological E Limited) और अरबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन फिलहाल अलग-अलग चरणों में हैं जबकि डॉ रेड्डी और हेटेरो ने टीका विनिर्माण के लिए हाथ मिलाया है.
इनमें से कुछ कंपनियों ने टीका बनाने की क्षमता बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई हैं. टीके के अलावा हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने टीका लाने- ले जाने के लिए कोल्ड चेन इनफ्रास्ट्रक्टर को भी मजबूत किया है. जीएमआर हैदराबाद एयर कार्गो कोविड-19 (Covid-19) टीके के आयात-निर्यात को लेकर विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग पक्षकारों से बातचीत कर रहा है. हाल में भारत बायोटेक और बायोजिकल ई के यहां 60 राजनयिकों के दौरे से इस बात को बल मिला है कि शहर कोविड-19 के टीके के निर्माण और आपूर्ति में सबसे आगे रहने वाला है.
बता दें, कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया हुआ है. इस संक्रामक रोग से विश्व भर में 7.7 करोड़ से अधिक लोग पीड़ित हो चुके हैं जबकि करीब 20 लाख लोगों की संक्रमण के कारण जान जा चुकी है. कॉमर्स डिपार्टमेंट के तहत आने वाली फार्मा निर्यात संस्था ‘फार्मेक्सिल’ के महानिदेशक उदय भास्कर ने बताया कि देश में अन्य देशों को कोविड-19 टीके के निर्यात को लेकर कोई नीति नहीं है, इसलिए यह माना जा सकता है कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि टीके का निर्यात करने से पहले घरेलू जरूरतों को पूरा किया जाए.
उन्होंने कहा, 'भारत बायोटेक को छोड़कर सभी टीकों के निर्माताओं ने टीके के विकास या विनिर्माण के लिए विदेशी कंपनियों से हाथ मिलाया है. हमें इस बारे में जानकारी नहीं है कि भारत से कितनी मात्रा में (टीके का) निर्यात किया जाएगा.' भास्कर ने कहा कि इस संबंध में अंतिम फैसला भारत सरकार का होगा. वहीं तेलंगाना के जन स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीनिवास राव ने बताया कि टीका बनाने वाली कंपनियां भले ही यहां स्थित हों लेकिन टीके की खुराकों के आवंटन में राज्य को तरजीह नहीं दी जाएगी. टीके की खुराकों का वितरण केंद्र सरकार तय करेगी.
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बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 28 नवंबर को यहां जीनोम वैली में भारत बायोटेक के एक प्लांट का दौरा किया था और कोरोना वायरस के संभावित टीके 'कोवैक्सीन' की प्रगति की समीक्षा की थी. इस टीके को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और Institute of Virology के सहयोग से विकसित किया जा रहा है. इस टीके के तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है.
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