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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए योग्यता-आधारित शिक्षा (Competency Based Education) पर जोर देने का फैसला लिया है. बोर्ड ने अगले एकेडमिक सेशन (2021-22) के लिए परीक्षा और असेसमेंट प्रोसेस में बदलाव किया है. बोर्ड का कहना है कि नई शिक्षा नीति (Education Policy) को ध्यान में रखते हुए कक्षा नौवीं से 12वीं की वार्षिक व बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों में बदलाव किया जा रहा है. अब छात्रों से योग्यता आधारित प्रश्न अधिक पूछे जाएंगे. साथ ही ऐसे प्रश्नों को तरजीह दी जाएगी, जो वास्तविक जीवन से जुड़े हों.
हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA में छपी खबर के अनुसार, CBSE का कहना है कि इस कदम से छात्रों में रचनात्मक सोच विकसित होगी. बोर्ड के अनुसार, कक्षा 11वीं और 12वीं (CBSE Board Exam 2021) के लिए 20 प्रतिशत योग्यता आधारित प्रश्न (Competency Based Questions) और 20 प्रतिशत ऑब्जेक्टिव (Objective) टाइप के प्रश्न होंगे. जबकि 60 फीसदी लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे. हालांकि, अंक (Marks) और परीक्षा की अवधि पहले जैसी ही रहेगी, उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
बोर्ड का कहना है कि योग्यता आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय प्रश्न, केस-आधारित प्रश्न, स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्नों या किसी अन्य प्रकार के रूप में हो सकते हैं. CBSE ने स्कूलों (Schools) से कहा है कि वो छात्रों को इस बदलाव के लिए तैयार करें. बोर्ड जल्द ही सैंपल क्वेश्चन पेपर भी जारी करेगा, ताकि स्टूडेंट्स को समझ आ सके कि नए बदलाव का उन पर क्या असर पड़ेगा.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बताया कि कक्षा 9-10 के लिए न्यूनतम 30 प्रतिशत योग्यता आधारित प्रश्न होंगे, वस्तुनिष्ठ प्रश्न 20 प्रतिशत और शेष 50 प्रतिशत लघु उत्तर/दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे. गौरतलब है कि वर्तमान में कक्षा 10वीं के प्रश्न पत्र में 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न, 20 प्रतिशत केस-आधारित, 20 प्रतिशत स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न और 60 प्रतिशत लघु उत्तरीय/दीर्घ उत्तरीय प्रकार के प्रश्न होते हैं.
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