आर्द्र भूमि की पूरी सूची जमा कराएं राज्य सरकारें : एनजीटी
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आर्द्र भूमि की पूरी सूची जमा कराएं राज्य सरकारें : एनजीटी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली आर्द्र भूमि की पूरी सूची सौंपे। एक याचिका में दावा किया गया था कि पारिस्थितिकी रूप से महत्वपूर्ण ऐसे बड़े क्षेत्र समाप्त हो रहे हैं क्योंकि उन्हें कानून के तहत संरक्षित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली आर्द्र भूमि की पूरी सूची सौंपे। एक याचिका में दावा किया गया था कि पारिस्थितिकी रूप से महत्वपूर्ण ऐसे बड़े क्षेत्र समाप्त हो रहे हैं क्योंकि उन्हें कानून के तहत संरक्षित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है।

स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में एक खंडपीठ ने पर्यावरण मंत्रालय को राज्यों द्वारा आद्र्र भूमि को लेकर जमा उनकी योजना पर दो सप्ताह के भीतर रिकार्र्ड दर्ज करने को भी कहा है। खंडपीठ ने कहा, ‘एमओईएफ की ओर से पेश वकील को राज्य द्वारा क्रमश: अपने राज्यों के बारे में आद्र्र भूमि पर अपनी योजना की घोषणा और एक की ओर से जमा नहीं किये गये स्थिति रिपोर्ट पर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है।’ 

पीठ ने कहा, ‘प्रस्ताव पेश करने वाले राज्यों के बारे में विवरण भी प्रदान किया जाएगा लेकिन यह अधूरा पाया गया और राज्यों को इसके बारे में सूचित किया गया है। इस स्थिति रिपोर्ट को दो सप्ताह में पूरा किया जाएगा। इस दौरान, सभी राज्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी आद्र्र भूमि की एक पूरी सूची भी जमा करनी होगी।’ इस मामले पर अगली सुनवाई 19 मई को की जाएगी।

आनंद आर्य द्वारा दायर एक याचिका पर अधिकरण ने आदेश जारी किया है। आर्य चाहते थे कि आर्द्र भूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम 2010 के तहत राज्यों के भीतर सभी आद्र्रभूमि की पहचान के लिए केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया जाए।

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