एनआईए ने सिमी प्रशिक्षण शिविर मामले की जांच पूरी की
Advertisement

एनआईए ने सिमी प्रशिक्षण शिविर मामले की जांच पूरी की

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिसंबर 2007 के वागमोन सिमी हथियार प्रशिक्षण शिविर मामले में दो फरार आरोपियों वासिक बिल्ला और आलम जेब अफरीदी के खिलाफ कथित राजद्रोह और अन्य अपराधों को लेकर अंतिम आरोपपत्र दायर किया है।

एनआईए ने सिमी प्रशिक्षण शिविर मामले की जांच पूरी की

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिसंबर 2007 के वागमोन सिमी हथियार प्रशिक्षण शिविर मामले में दो फरार आरोपियों वासिक बिल्ला और आलम जेब अफरीदी के खिलाफ कथित राजद्रोह और अन्य अपराधों को लेकर अंतिम आरोपपत्र दायर किया है।

केरल में एर्नाकुलम की विशेष एनआईए अदालत में अंतिम आरोपपत्र दायर किया गया है। उसमें उन पर आपराधिक साजिश, हथियार कानून के उल्लंघन के अलावा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने तथा आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़ने का आरोप लगाया गया है।

एनआईए ने अपने एक बयान में कहा, ‘इस मामले में एनआईए ने पहला आरोपपत्र 13 जनवरी, 2011 को 30 आरोपियों के विरूद्ध एर्नाकुलम की विशेष एनआईए अदालत में दायर किया था। उसके बाद 29 जुलाई, 2013 को भादसं की धाराओं- 120 बी, 122, 124 ए, 153 ए, अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धाराओं-3,5,7,10 तथा हथियार कानून की धाराओं 25 और 27 के तहत पूरक आरोपपत्र दायर किया गया।’

इस सिमी प्रशिक्षण मामले की जांच एक शिकायत के आधार पर की गयी कि दिसंबर, 2007 में वागमोन के थंगालपारा में सिमी ने गोपनीय प्रशिक्षण शिविर लगाया था। आरोप है कि नवंबर, 2007 और उसके आसपास सिमी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश में इंदौर के चोराल में अपने सक्रिय कार्यकताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने के लिए आपराधिक साजिश रची थी।

एनआईए ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 10 दिसंबर, 2007 से 12 दिसंबर, 2007 तक कर्नाटक, मध्यप्रदेश और गुजरात में शिविर लगाए। उन्होंने कोट्टायम (केरल) में मुंडाकायम थानाक्षेत्र में वामगोन के थंगालपारा में एक गोपनीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया कि शिविर में सिमी कार्यकर्ताओं ने शारीरिक प्रशिक्षण, हथियार चलाने का प्रशिक्षण, पेट्रोल बम बनाने के प्रशिक्षण, मोटरसाइकिल रेस के प्रशिक्षण, रस्सी से चढ़ने के प्रशिक्षण आदि जैसे कई प्रशिक्षण हासिल किए थे।

उन्होंने कार्यकर्ताओं को अवैध, आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, भड़काने, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, देश की संप्रभुता एवं एकता पर खतरा पैदा करने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से प्रशिक्षित करने के लिए जिहादी कक्षाएं भी लगायी थीं।

Trending news