Terrorist Funding Case: उत्तर प्रदेश के झांसी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मदरसा शिक्षक मुफ्ती खालिद नदवी के घर पर छापेमारी की. कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई में NIA की टीम के साथ ATS भी मौजूद थी. मुफ्ती पर आरोप है कि वह ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए विदेशी छात्रों को पढ़ाते हैं, जिससे संदिग्ध विदेशी फंडिंग हो रही थी. छापेमारी के दौरान टीम ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एनआईए से झड़प हो गई?
असल में छापेमारी के दौरान जब NIA ने मुफ्ती को हिरासत में लेने की कोशिश की, तो मस्जिद से ऐलान किया गया, जिसके बाद करीब 200 से अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई. इस दौरान मुफ्ती के समर्थकों ने टीम का विरोध किया और झड़प के बीच मुफ्ती को छुड़ाकर पास की फातिमा मस्जिद ले गए. स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल बुलाया गया, जिसके बाद लगभग तीन घंटे की कोशिशों के बाद मुफ्ती को एसएसपी दफ्तर ले जाया गया.


विदेश फंडिंग से जुड़े एक बड़े नेटवर्क
NIA ने इस छापेमारी को विदेश फंडिंग से जुड़े एक बड़े नेटवर्क की जांच के तहत अंजाम दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुफ्ती 11 वर्षों से ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं, जिसमें छात्रों से 50 से 1500 रुपए तक की फीस ली जाती है. टीम ने उनके पासपोर्ट, वीजा और वॉट्सऐप चैट की जांच की और उनसे बैंक ट्रांजैक्शन व विदेशी फंडिंग से संबंधित सवाल किए.


पुलिस को घेरने की कोशिश की
इससे पहले NIA ने खालिद के रिश्तेदार साबिर नदवी के घर पर भी छापा मारा था. वहां करीब एक घंटे तक पूछताछ के बाद टीम खालिद के घर पहुंची. स्थानीय लोगों ने दोनों जगह पुलिस को घेरने की कोशिश की, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है और स्थानीय लोग जांच में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं.


NIA का मानना है कि इस नेटवर्क के जरिए संदिग्ध विदेशी फंड भारत में लाया जा सकता है, जो आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक मदद पहुंचाने में इस्तेमाल हो सकता है. फिलहाल मुफ्ती से पूछताछ जारी है और एजेंसियां इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं.