ये कैसा निकाह... ना निकाहनामा और ना ही काजी, अब नए तरीके से तबाह हो रही मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी
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ये कैसा निकाह... ना निकाहनामा और ना ही काजी, अब नए तरीके से तबाह हो रही मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी

Nikah Khutba: हाल ही में कुछ मामले तेजी के साथ सामने आ रहे हैं कि मुस्लिम महिलाओं से ऑफ द रिकॉर्ड निकाह किया जाता है. इस निकाह में कोई काजी भी नहीं होता, यहां तक कि कोई निकाहनामा भी नहीं बनता.

ये कैसा निकाह... ना निकाहनामा और ना ही काजी, अब नए तरीके से तबाह हो रही मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी

Nikah Khutba: जरा सोचिए कि अगर किसी महिला से कोई पुरुष निकाह करे और 2-3 महीने में छोड़ दे तो वो क्या करेगी? वो भी ऐसा निकाह जिसका कोई सबूत उस महिला के पास ही ना हो? हाल ही में एक ऐसा ही मामला हैदराबाद में सामने आया है, यहां  एक बेहद साधारण सी दिखने वाली राबिया नाम की लड़की अपने गरीब माता-पिता के साथ जिंदगी गुजार रही थी. राबिया की शादी की उम्र निकल चुकी थी. हालांकि बेहद साधारण होने के चलते उसे कोई और तो क्या ही पसंद करता, जब उसके खुद के रिश्तेदार भी ताने मारते थे.

ऑफ द रिकॉर्ड शादी

लेकिन इसी बीच उसकी जिंदगी में खुशगवार मोड़ आता है, जहां से उसे अपनी आगे की जिंदगी में खुशियां नजर आने लगती हैं. दरअसल इमरान नाम का एक शख्स उनके घर आता है और 'ऑफ द रिकॉर्ड' शादी करने की पेशकश करता है. काफई अरसे से शादी का इंतेजार कर रही राबिया और उसके घर वाले इसके लिए तैयार हो जाते हैं. वहां दो गवाहों को बुलाया जाता है और 50000 रुपये मेहर देने की शर्त पर शादी हो जाती है. हैरानी की बात यह है कि यह निकाह किसी काजी ने नहीं पढ़ाया था और ना ही शादी का कोई सर्टिफिकेट बना था, क्योंकि शादी ऑफ द रिकॉर्ड होने की बात कही गई थी.

3 महीने में ही छोड़ दिया

इमरान और राबिया अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं लेकिन राबिया के अरमानों तब पानी फिर जाता है, जब इरमान उसे परेशान करने लगता है, मारपीट करने लगता है, नौबत यहां तक आ जाती है कि 3 महीने के बाद इमरान राबिया को छोड़ देता है. बेचारी राबिया फिर से अपने गरीब माता-पिता के पास आ जाती है लेकिन राबिया के पास शादी का कोई सबूत नहीं है इसलिए वो इमरान के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पा रही है. राबिया का कहना है कि निकाहनामा के बिना, शादी का कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है, मैं उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करूं तो कैसे करूं?

तेजी से बढ़ रहा है चलन

इस तरह के निकाह कई जगहों पर आम हो चुके हैं. कुछ लोग गरीब और बेसहारा महिलाओं के साथ बिना किसी सबूत वाला निकाह करते हैं और फिर अपनी जरूरत निकालने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं. दावा किया जा रहा है कि इस तरह के निकाह में कोई काजी नहीं होता, जो निकाह सर्टिफिकेट दे, सिर्फ खुत्बा निकाह पढ़ा जाता (एक धार्मिक उपदेश, जो आधिकारिक निकाह के दौरान भी पढ़ा जाता है.) और 2 गवाहों की मौजूदगी में शादी कर ली जाती है. हैदराबाद समेत कुछ जगहों पर इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है, जिससे महिलाओं की जिंदगियां बरबाद हो रही हैं.

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