निर्मल सिंह के गाड़ी से जम्मू कश्मीर का झंडा हटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह एक ऐतिहासिक पल को दर्शा रहा है. यह वीडियो हर कश्मीरी को आभास करा रहा है कि वह अब एक आम भारतीय हैं. उन्हें अब वे सारे अधिकार मिलेंगे जो भारत के दूसरे राज्यों में बसे नागरिकों को मिलते हैं.
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) राज्य को 2 केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और लद्दाख में बांटे जाने संबंधी जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) पुनर्गठन विधेयक राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी पास हो गया है. राष्ट्रपति के दस्तखत के साथ ही यह बिल कानून का रूप ले लेगा. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को विशेष दर्जा देने संबंधी आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव भी पास हो गया है. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर भी भारत के बाकी के राज्यों की तरह हो गया है. इस बदलाव को दर्शाने के लिए जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य में बीजेपी के कद्दावर नेता निर्मल सिंह (Nirmal singh) ने अपनी गाड़ी से इस राज्य के झंडे को हटा दिया है.
निर्मल सिंह (Nirmal singh) के गाड़ी से जम्मू कश्मीर का झंडा हटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह एक ऐतिहासिक पल को दर्शा रहा है. यह वीडियो हर कश्मीरी को आभास करा रहा है कि वह अब एक आम भारतीय हैं. उन्हें अब वे सारे अधिकार मिलेंगे जो भारत के दूसरे राज्यों में बसे नागरिकों को मिलते हैं.
Nirmal Singh, Jammu and Kashmir Former Deputy CM, removes J&K flag from his vehicle after resolution to revoke Article 370 from J&K & The Jammu & Kashmir Reorganization Bill, 2019 get passed in Lok Sabha and Rajya Sabha pic.twitter.com/19ZTO1KgU1
— ANI (@ANI) August 6, 2019
यहां आपको बता दें कि धारा370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा था, जिसके चलते इस राज्य का अपना झंडा था. इसलिए यहां किसी भी सरकारी वाहनों पर भारत और जम्मू कश्मीर दोनों का झंडा लगा होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. यहां भी अब केवल भारत का तिरंगा ही मान्य होगा.
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल (Jammu Kashmir reorganization bill 2019) मंगलवार को लोकसभा में पारित हो गया है. बिल के पक्ष में 370 वोट जबकि विपक्ष में 70 वोट पड़े. बता दें सोमवार को यह बिल राज्यसभा से पारित हो गया है. राज्यसभा में सोमवार को इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े थे, वहीं विपक्ष में 61 सांसदों में मतदान किया.