कांग्रेस और बीजेपी के नेता भले ही राजनीतिक मुद्दों पर एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाने के एक भी मौके नहीं गंवाती है. चुनावी मौसम में जुबानी हमले करने का सिलसिला और भी बढ़ जाता है. ऐसे में बीजेपी के कद्दावर नेता नितिन गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कही दो बातों को याद कर भारतीय राजनीति की मैच्योरिटी को साबित किया है.
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नई दिल्ली: भारतीय राजनीति की खूबसूरती का एक रंग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक ताजा भाषण में देखने को मिला है. कांग्रेस और बीजेपी के नेता भले ही राजनीतिक मुद्दों पर एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाने के एक भी मौके नहीं गंवाती है. चुनावी मौसम में जुबानी हमले करने का सिलसिला और भी बढ़ जाता है. ऐसे में बीजेपी के कद्दावर नेता नितिन गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कही दो बातों को याद कर भारतीय राजनीति की मैच्योरिटी को साबित किया है. उनके इस भाषण को सुनकर कहा जा सकता है कि अगर विरोधी दल का कोई चेहरा भी कोई अच्छी बात कहे हों तो उसे स्वीकारने में गुरेज नहीं करना चाहिए.
एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा, 'समाजसेवी बोलते हैं, देश में ऐसा हुआ वैसा हुआ. देश कई समाज से बना है, समाज कई व्यक्तियों से बना है. अनेक व्यक्तियों की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा तो समाज में गुणात्मक सुधार होगा. सिस्टम को सुधारने के लिए दूसरे की तरफ निहारने की क्या जरूरत है. हम अपने तरफ क्यों नहीं देखते.'
#WATCH Nitin Gadkari: JL Nehru kehte the, "India is not a nation, it is a population. Iss desh ka har vyakti desh ke liye prashn hai, samasya hai." Unke yeh bhashn mujhe bahut pasand hain. Toh main itna toh kar sakta hun ki main desh ke saamne samasya nahi rahunga. (24.12) pic.twitter.com/i3QzoqwrLk
— ANI (@ANI) December 25, 2018
गडकरी ने आगे कहा, 'मुझे याद है जवाहर लाल नेहरू अक्सर कहा करते थे, भारत एक देश नहीं यह जनसंख्या है. दूसरी बात वह कहा करते थे इस देश का हर व्यक्ति प्रश्न और समस्या है. मुझे उनके ये भाषण बहुत पसंद आए. मैं इतना तो कर सकता हूं कि कम से कम मैं इस देश के सामने समस्या ना बनूं. अगर सब लोगों ने तय कर लिया कि वे देश के लिए समस्या नहीं बनेंगे तो देश की आधी समस्या खत्म हो जाएगी. नेहरू ने एक बात और कही थी कि मेरे साथ किसी ने अन्याय किया होगा, लेकिन मैं किसी के साथ अन्याय नहीं करूंगा.''
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सहिष्णुता भारतीय संस्कृति का महत्त्वपूर्ण अंग है, जिसने कई देशों से पलायन करके आये लोगों को अपने यहां आसरा दिया है. मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब देश में भीड़ हिंसा पर नसीरुद्दीन शाह के बयान को लेकर चर्चा गर्म है. खुफिया ब्यूरो के 31वें व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुये गडकरी ने कहा कि एकता और विविधता भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग हैं. मंत्री ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए राजनीति एक माध्यम है.
इससे पहले 23 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘एक ट्रांसजेंडर को भी बच्चा हो जाएगा लेकिन महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक सिंचाई योजना कभी पूरी नहीं हो पाएगी.’ वह यहां तेंभू ‘लिफ्ट’ सिंचाई परियोजना के चौथे चरण के पूरा होना पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
बीजेपी नेता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने मीडिया के एक हिस्से पर उनकी टिप्पणी को ‘तोड़मरोड़’ कर पेश करने करने का आरोप लगाया है. गडकरी ने शनिवार को पुणे में कहा था कि ‘नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी’ लेनी चाहिये.
यहां से 375 किलोमीटर दूर पश्चिम महाराष्ट्र में सांगली में एक रैली को संबोधित करते हुये गडकरी ने कहा, ‘तेंभू लिफ्ट सिंचाई योजना की आर्थिक व्यवहार्यता इतनी मुश्किल है..कि एक बार मैंने एक व्यक्ति से इसे लेकर अपने विचारों का साझा किया था... मैंने कहा था कि यहां तक कि एक ट्रांसजेंडर को बच्चा हो सकता है लेकिन यह सिंचाई योजना कभी पूरी नहीं हो सकेगी.’ उन्होंने परियोजना के चौथे चरण के पूरा होने पर खुशी जाहिर की. परियोजना के पांचवें चरण का काम भी जल्द पूरा होने की आशा है. यह लिफ्ट सिंचाई परियोजना, सांगली जिले के शुष्क इलाकों में सिंचाई सुविधाएं देने के लिए कृष्णा नदी घाटी से पानी लेकर पूरी की जानी है.