नीतीश बोले: नरेंद्र मोदी में क्षमता थी इसलिए प्रधानमंत्री बने, मैं पीएम पद का उम्मीदवार नहीं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां सोमवार (15 मई) को कहा कि नरेंद्र मोदी में क्षमता थी, इस कारण आज वह देश के प्रधानमंत्री हैं. जिसकी क्षमता को लोग पहचानेंगे, वह देश का प्रधानमंत्री होगा. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. पटना में `लोक संवाद कार्यक्रम` में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदार नहीं हैं.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां सोमवार (15 मई) को कहा कि नरेंद्र मोदी में क्षमता थी, इस कारण आज वह देश के प्रधानमंत्री हैं. जिसकी क्षमता को लोग पहचानेंगे, वह देश का प्रधानमंत्री होगा. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. पटना में 'लोक संवाद कार्यक्रम' में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदार नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "मैं 2019 के लिए प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं हूं. मेरी पार्टी छोटी है, जिसमें क्षमता होगी वह प्रधानमंत्री होगा. पांच साल पहले किसी ने सोचा था कि मोदी प्रधानमंत्री होंगे. लेकिन जनता को उनमें क्षमता दिखी और आज वह प्रधानमंत्री हैं, जिसमें क्षमता होगी वह 2019 में आगे आएगा." नीतीश ने कहा, "मुझे मालूम है, मुझमें वैसी क्षमताएं नहीं हैं. मैं एक छोटी पार्टी का नेता हूं और मेरी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा नहीं है. मुझे बिहार के लोगों को सेवा करने के लिए जनादेश मिला है और मैं उसी में लगा हूं."
बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार (15 मई) को कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को लेकर सर्वानुमति बनाने के लिए केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में सोमवार को आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने नीतीश से आसन्न राष्ट्रपति चुनाव के बारे में पूछा.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो इस मामले में सत्ताधारी दलों को सर्वानुमति बनानी चाहिए, अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो विपक्ष का दायित्व बनता है कि वे आपस में बातचीत कर अपना उम्मीदवार खड़ा करे. उन्होंने कहा कि पहले तो केंद्र सरकार का फर्ज बनता है कि वह पहल करे और अब तक के जो उदाहरण हैं, उनमें केंद्र में सत्ता में बैठे लोगों को पहल करनी चाहिए तथा सभी दलों से बातचीत करनी चाहिए.
नीतीश ने कहा कि समस्त विपक्ष से बात कर अगर सर्वानुमति बनायी जाती है तो अच्छी परंपरा और उदाहरण होगा लेकिन अगर आप विपक्ष से किसी को पूछते नहीं हैं तो वे बैठे नहीं रहेंगे, बल्कि आपस में बातचीत कर उम्मीदवार तय करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरी समझ से केंद्र को पहल करनी चाहिए और सर्वानुमति का प्रयास करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो विपक्ष का कर्तव्य है कि वह अपना साझा उम्मीदवार खड़ा करे.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश की यह टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विपक्ष को इस मामले में एकजुट करने के प्रयास के मद्देनजर महत्व रखती है, जबकि भाजपा नीत राजग देश के इस शीर्ष पद पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के आसीन होने को आश्वस्त प्रतीत होता है.
वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लेकर सर्वानुमति बनने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि इससे अच्छी बात क्या होगी, लेकिन इस बारे में केंद्र को निर्णय लेना होगा और पहल करनी होगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नीत राजग का हिस्सा रही जदयू ने संप्रग उम्मीदवार मुखर्जी के पक्ष में मतदान किया था.