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नई दिल्ली. सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने सोमवार को कहा कि चीनी सेना ने उसके बंकरों को नष्ट करने के लिए किसी बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया. सेना ने साथ ही इस बात से इनकार किया कि सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध 1962 के बाद से सबसे लंबा है.
बुल्डोजर नहीं चलाया गया : सेना
सेना के एक प्रवक्ता की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया, 'यह घटना दोनों देशों के बीच सबसे लंबा गतिरोध नहीं है.' उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय बंकरों को नष्ट करने के लिए किसी बुलडोजर का 'कभी भी इस्तेमाल' नहीं किया गया और ना ही भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के बीच कोई धक्का-मुक्की हुई.
6 जून को इस तरह की कोई घटना नहीं हुई : सेना
इससे पहले सरकार के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा था कि भारतीय बंकरों को नष्ट करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया था.प्रवक्ता ने यह भी कहा कि 6 जून को इस तरह की कोई घटना नहीं हुई और विदेश मंत्रालय के उस बयान की तरफ संकेत किया जिसमें घटना की तारीख 16 जून बताई गई थी. उन्होंने साफ किया कि 'विभिन्न तंत्र भारत-चीन संबंध और साथ ही दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को काफी अच्छे तरीके से संभाल रहे हैं.'
हमने कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया : सेना
प्रवक्ता ने कहा, 'रक्षा मंत्रालय या भारतीय सेना ने इस कारण से ना तो कोई आधिकारिक बयान जारी किया और ना ही कोई अनौपचारिक जानकारी दी कि दोनों देश मीडिया की चर्चाओं से दूर इस तरह के संवेदनशील मुद्दों से सबसे अच्छे तरीके से निपट सकते हैं.' उन्होंने कहा कि इस स्थिति में 'चूंकि कुछ घटनाएं भूटान से जुड़ी हैं, इसलिए विदेश मंत्रालय पहले ही मुद्दे पर महत्वपूर्ण जानकारी दे चुका है.'