मुख्य चुनाव आयुक्त ए के जोती ने कहा ‘‘मिलीभगत होने का सवाल ही नहीं उठता, मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीख तय करते समय आयोग द्वारा विभिन्न पहलुओं को संज्ञान में लिया गया.’’
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नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त ए के जोती ने हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित नहीं करने में केंद्र और आयोग की ‘मिलीभगत’ होने से इनकार करते हुए आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों को सिरे से खारिज किया है. जोती ने बुधवार को गुजरात विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने के बाद दोनों राज्यों का चुनाव कार्य्रकम एक साथ घोषित नहीं करने के सवाल पर कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि गुजरात में बाढ़ राहत कार्यों के लंबित होने के कारण राज्य सरकार के अनुरोध पर चुनाव कार्यक्रम बाद में घोषित किया गया.
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को लोकलुभावन घोषणाएं करने का मौका देने के लिए गुजरात का चुनाव कार्यक्रम देर से घोषित करने के विपक्षी दलों के आरोपों को गलत बताया. इस मामले में केंद्र सरकार और आयोग के बीच मिलीभगत के आरोप को खारिज करते हुए जोती ने कहा ‘‘मिलीभगत होने का सवाल ही नहीं उठता, मैं पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीख तय करते समय आयोग द्वारा विभिन्न पहलुओं को संज्ञान में लिया गया.’’
गुजरात सरकार को नई परियोजनाएं घोषित करने के लिए पखवाड़े भर का समय देने के फैसले को गलत बताए जाने के सवाल पर जोती ने कहा, ‘‘नहीं, मैं नहीं मानता कि यह एक गलत फैसला था.’’आयोग के इस फैसले पर पूर्व चुनाव आयुक्तों द्वारा उठाए गए सवालों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘‘पूर्व आयुक्तों ने क्या कहा, मैं इस बारे में कुछ नहीं बोलना चाहता हूं. स्थिति अब स्थिर है. हम परिस्थितियों के आधार पर निर्णय करते हैं और परिस्थितियां परिवर्तनशील हैं.’’
अपनी दलीलों की पुष्टि के लिए जोती ने पिछले सालों में दो या अधिक राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल एक साथ खत्म होने के बावजूद उन राज्यों में चुनाव कार्यक्रम अलग अलग घोषित किए जाने के उदाहरण भी पेश किये. उन्होंने निर्वाचन कानून के हवाले से कहा कि विभिन्न राज्यों में एक साथ चुनाव कार्यक्रम घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है.