Chhattisgarh: `Vaccination नहीं तो सैलरी नहीं`, प्रशासन ने सरकारी कर्मियों के लिए बनाया अजीब नियम
Vaccination: जनजाति विकास विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने कहा कि हर किसी को इस आदेश के रिजल्ट के बारे में सोचना चाहिए. लगभग 90 फीसदी से कर्मचारी पहले से ही वैक्सीन लगवा चुके हैं.
रायपुर: कोरोना वायरस (Coronavirus) की सेकेंड वेव के बीच छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जनजाति इलाके के लिए सरकार की तरफ से एक अजीबोगरीब ऐलान किया गया है. आदेश में कहा गया है कि गौरेल्ला-पेंड्रा-मरवाही जिले में जो भी अधिकारी या कर्मचारी वैक्सीन (Vaccine) नहीं लगवाएगा उसे जून महीने की सैलरी नहीं दी जाएगी. ये आदेश जनजाति विकास विभाग (Tribal Development Department) की तरफ से जारी किया गया है.
वैक्सीनेशन के लिए अजीबोगरीब आदेश
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों को डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट में रिकॉर्ड के लिए कोविड वैक्सीनेशन कार्ड (Covid Vaccination Card) की कॉपी सबमिट करनी होगी, जिसके बाद उनकी सैलरी आएगी.
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रोकी जाएगी जून महीने की सैलरी
जनजाति विकास विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर के. एस. मसराम ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन (Vaccine) नहीं लगवाई है, उनकी जून महीने की सैलरी (Salary) रोक दी जाएगी. इसके लिए कर्मचारी खुद जिम्मेदार होंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जा चुका है.
आदेश के पक्ष में दी जा रही ये दलील
उन्होंने आगे कहा कि हर किसी को इस आदेश के रिजल्ट के बारे में सोचना चाहिए. लगभग 90 फीसदी से कर्मचारी पहले से ही वैक्सीन लगवा चुके हैं. हमारा उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को परेशान करना या उनकी सैलरी रोकने का नहीं है, बल्कि 100 फीसदी वैक्सीनेशन करवाने का है.
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बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस की रफ्तार धीमी हुई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में गुरुवार को कोरोना के नए 2,825 केस पाए गए. इस दौरान 69 मरीजों की वायरस की वजह से मौत हो गई. वहीं 6,715 मरीज कोरोना संक्रमण से रिकवर हुए.
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