पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया है कि नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र ने राज्य सरकार से कोई परामर्श और चर्चा नहीं की.
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नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया है कि नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र ने राज्य सरकार से कोई परामर्श और चर्चा नहीं की. देश की नई नीति (NEP2020) को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में
चटर्जी ने कहा कि वो पूरे दावे के साथ कह सकते हैं कि नई नीति के मसौदे की तैयारियों के दौरान से ही पश्चिम बंगाल की अनदेखी की गई. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि बीते तीन से चार सालों में राज्य की ओर से दिए गए सुझावों पर भी ध्यान नहीं दिया गया.
शिक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि वो बुलंद आवाज़ के साथ बिना किसी डर के कह सकते हैं कि इस नीति को लेकर पूरी तरह पश्चिम बंगाल की सोच और सुझाव को अनसुना कर दिया गया. पार्थ चटर्जी के मुताबिक राज्य की 6 सदस्यीय शिक्षा समिति, विषय का विस्तृत अध्ययन कर रही है. 15 अगस्त तक रिपोर्ट आने के बाद, उस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) से चर्चा के बाद ही वो इस पर अंतिम प्रतिक्रिया देंगे .
नई शिक्षा नीति पर बोले PM मोदी-
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि अभी तक की शिक्षा नीति व्हाट टू थिंक ( क्या सोचा जाए) की थीम पर थी, लेकिन नई नीति में अब भारत के शैक्षणिक तंत्र में हाउ टू थिंक पर जोर दिया जाएगा. आगे पीएम ने ये भी कहा, NEP शिक्षकों की गरिमा का भी ख्याल रखती है. एनईपी शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करता है क्योंकि "जब एक शिक्षक सीखता है, तो राष्ट्र आगे बढ़ता है".
लंबे मंथन के बाद स्वीकृत हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पीएम मोदी ने कहा कि ये सच है कि 34 साल बाद शिक्षा नीति में बड़े और क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं. ऐसे में हर सवालों पर ध्यान दिया गया है. इसे बनाते समय खास रूप से क्रिएटिविटी, क्यूरॉसिटी और कमिटमेंट मेकिंग पर ध्यान दिया गया है. पुराने सिस्टम की वजह से आज इमेजिनेशन की कमी, क्रिएटिव थिंकिंग, पैशन, फिलॉसफी ऑफ एजुकेशन का दौर खत्म हो चुका है, लेकिन नई शिक्षा नीति में इन सभी पर काम किया जाएगा. करियर को लेकर युवाओं की सोच और बेहतर होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की, नए भारत की फाउंडेशन तैयार करने वाली है और NEP से भारत में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान विकसित होंगे,शिक्षा नीति में देश के लक्ष्यों का ध्यान रखा गया है,ताकि भविष्य की पीढ़ी को तैयार किया जा सके. ये नीति नए भारत की नींव रखेगी. पीएम ने कहा कि भारत को ताकतवर बनाने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाने का काम अच्छी शिक्षा के दम पर ही पूरा हो सकता है. इससे पहले इन्ही विषयों पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विस्तार से जानकारी दी थी.