महिला कर्मचारियों के काम के वर्ग के आधार पर उनकी वर्दी में सलवार कमीज या शर्ट-पैंट शामिल है.
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नई दिल्ली: उत्तर रेलवे की महिला कर्मचारियों ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर अपनी वर्दी में बदलाव करने की मांग की है। पत्र में अधिकतर स्टेशनों पर महिला कर्मचारियों के लिए चेंजिंग रूम नहीं होने का हवाला देते हुए यह मांग की गई है कि उनकी वर्दी में एप्रन को शामिल किया जाए, जिसे वे अपने नियमित कपड़ों के ऊपर भी पहन सकें.
उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (यूआरएमयू) की महिला शाखा की महासचिव सुनीता धीमान ने रेलवे बोर्ड अध्यक्ष अश्विनी लोहानी को पत्र लिखकर उनसे वाणिज्यिक महिला कर्मचारियों खासकर टिकट बुकिंग एवं आरक्षण में शामिल महिलाओं की वर्दी में बदलाव का अनुरोध किया है. महिला कर्मचारियों के काम के वर्ग के आधार पर उनकी वर्दी में सलवार कमीज या शर्ट-पैंट शामिल है. महिला कर्मचारियों ने बोर्ड से कहा है कि उन्हें सिर्फ एक सफेद एप्रन दिया जाए जिसे वे अपने कपड़ों के ऊपर भी पहन सकें.
धीमान ने बताया, स्टेशनों पर महिला कर्मचारियों के लिए कोई चेंजिंग रूम नहीं है। हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे हमें एप्रन उपलब्ध करायें जिसे हम अपने रोजाना के कपड़ों के ऊपर भी पहन सकते हैं. यह हमारे समय की भी बचत करेगा. इसके अलावा वर्दी के लिए जो कपड़े हमें दिए जाते हैं वो पारदर्शी और बेहद खराब गुणवत्ता वाले होते हैं, जिसे हम लंबे समय तक नहीं पहन सकते.
अपने पत्र में धीमान ने कहा है कि दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और आनंद विहार टर्मिनल पर 93 महिला कर्मचारी काम करती हैं और उन सभी ने भी एप्रन की मांग के समर्थन में पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि वर्दी को लेकर समूचे उत्तर रेलवे की महिला कर्मचारियों के साथ भी यही समस्या है. उन्होंने कहा, हमने नमूने के तौर पर उन्हें नाम एवं अक्षर लिखे बैज वाले एक सफेद एप्रन की तस्वीर भी भेजी हैं, ताकि वे यह समझ सकें कि किस प्रकार की वर्दी हमारे लिए आरामदायक है.
(इनपुट एजेंसी से)