नई दिल्ली. देश में एक ओर जहां पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, वहीं अब बिजली के दामों में भी बढ़त हो सकती है. दरअसल, केंद्र सरकार ने देश में लागू करने के लिए नया बिजली बिल ड्राफ्ट तैयार किया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस बिल को इसी महीने शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में संसद में पेश कर सकती है. इस कानून के लागू होने के बाद देशभर के करोड़ों लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा. आइए इस बिजली बिल के बारे में जानते हैं.


राज्य सरकार फ्री में नहीं दे पाएगी बिजली 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, केंद्र सरकार बिजली कंपनियों को सस्ती बिजली देने के लिए सब्सिडी देती है. सरकार अब इस सब्सिडी को बंद करने जा रही है. इसके बाद बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से पूरा चार्ज वसूलना शुरू कर देंगी. इस बिल के पारित होने के बाद कोई भी राज्य सरकार फ्री में बिजली नहीं दे पाएगी. ऐसा भी हो सकता है कि केंद्र सरकार रसोई गैस की सब्सिडी की तरह सीधे ग्राहकों के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करे. 


ये भी पढ़ें: दिल्ली में बंद रहेंगे निर्माण कार्य, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को मिलेंगे 5000 रुपये


कंपनियों के घाटे की भरपाई करती हैं सरकारें


नए बिजली कानून के लागू होने के बाद बिजली के दाम पेट्रोल की तरह जल्दी-जल्दी बदल सकते हैं. क्योंकि बिजली कंपनियां इनपुट कॉस्ट के आधार पर उपभोक्ताओं से बिल वसूलने के लिए स्वतंत्र होगी. बता दें, अभी बिजली कंपनियों के उत्पादन की लागत उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले बिल से 0.47 रुपये प्रति यूनिट ज्यादा है. कंपनियों के इस घाटे की भरपाई सरकारें सब्सिडी देकर करती है. 


50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घाटे में हैं कंपनियां


बिजली वितरण कंपनियां इन दिनों काफी घाटे में चल रही हैं. इस वक्त कंपनियों पर 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा है. इसके साथ ही डिसकॉम पर कंपनियों का 95 हजार करोड़ बकाया है.


ये भी पढ़ें: रात के 3 से 4 बजे का वक्त होता है 'मौत का टाइम'?, जानें इस रहस्‍य का सच


नए कानून के सामने हैं कुछ चुनौतियां


नया कानून लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं. जैसे, बिजली कनेक्शन मकान मालिक, जमीन, दुकान के मालिक के नाम पर होता है. किराएदार के मामले में सब्सिडी किसे मिलेगी, यह साफ नहीं है. इसके अलावा बिजली की खपत के हिसाब से सब्सिडी तय होगी. इसलिए 100% मीटरिंग जरूरी है. कई राज्यों में बिना मीटर बिजली दी जा रही है, उन राज्यों में ये कानून कैसे लागू होगा.


LIVE TV