कश्मीर के उधमपुर में हाल में बीएसएफ के काफिले पर हमला करने के बाद जिंदा पकड़े गए आतंकी नावेद की नागरिकता से जुड़े सारे सबूतों को पाकिस्तान अब मिटा रहा है। मीडिया में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नावेद से जुड़े सबूतों को मिटाने में जुटी हुई है। उसका नाम पाकिस्तान के फैसलाबाद की वोटर लिस्ट से भी हटा दिया गया है।
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नई दिल्ली : कश्मीर के उधमपुर में हाल में बीएसएफ के काफिले पर हमला करने के बाद जिंदा पकड़े गए आतंकी नावेद की नागरिकता से जुड़े सारे सबूतों को पाकिस्तान अब मिटा रहा है। मीडिया में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई नावेद से जुड़े सबूतों को मिटाने में जुटी हुई है। उसका नाम पाकिस्तान के फैसलाबाद की वोटर लिस्ट से भी हटा दिया गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के निवासी नावेद का नाम पाकिस्तान के नागरिकों की लिस्ट में से मिटा दिया गया है। इसके अलावा उससे जुड़े हर सबूत को मिटाने में आईएसआई पूरी मुस्तैदी के साथ जुटी हुई है। आईएसआई का यह नया कारनामा नहीं है। इससे पहले मुंबई हमले में जिंदा पकड़े गए अजमल कसाब के साथ भी उसने ऐसा ही किया गया था। खबर के मुताबिक आईएसआई ने कसाब के परिवार को सुरक्षात्मक हिरासत में लिया गया था, संभावना जताई जा रही है कि नावेद के परिवार के साथ भी ऐसा ही किया जाए।
नावेद से जुड़ा हर निशान मिटाने के लिए पाकिस्तान हर संभव कोशिश कर रहा है। नावेद के सभी परिजनों के फोन स्विच ऑफ हैं। गृह मंत्रालय के एक अफसर ने बताया कि नावेद ने गिरफ्तारी के तुरंत बाद पाक के पंजाब स्थित फैसलाबाद में रहने वाले अपने परिजनों के नाम और फोन नंबर बताए थे। मगर तभी से सभी नंबर स्विच ऑफ हैं। आशंका है कि पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई अब कभी भी उन्हें ये नंबर चालू न करने दे।
गौर हो कि नावेद ने एनआईए की पूछताछ के दौरान बताया था उसका परिवार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद में रहता है उसके परिवार में दो भाई और एक बहन है। उसने इनके फोन नंबर भी दिए थे। उसकी गिरफ्तारी के बाद से सारे फोन नंबर बंद हैं।