सुप्रीम कोर्ट में अनोखी सुनवाई! Nimbooz नींबू पानी है या फ्रूट जूस? अब अदालत करेगी फैसला
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सुप्रीम कोर्ट में अनोखी सुनवाई! Nimbooz नींबू पानी है या फ्रूट जूस? अब अदालत करेगी फैसला

निम्बूज को फ्रूट जूस कहा जाए या लेमोनेड? इस सवाल पर पिछले 7 सालों से चर्चा हो रही है.अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, इस पर जल्द ही सुनवाई भी होने वाली है. 

सुप्रीम कोर्ट में अनोखी सुनवाई! Nimbooz नींबू पानी है या फ्रूट जूस? अब अदालत करेगी फैसला

नई दिल्ली: गर्मी का मौसम है तो नींबू पानी जैसी सॉफ्ट ड्रिंक्स (Soft Drinks) की डिमांड भी बढ़ जाती है. ऐसे मौसम में आपने दुकानों पर निम्बूज तो लगा देखा ही होगा. हो सकता है आपने पिया भी हो. लेकिन इस निंबूज को लेकर एक बड़ी उलझन रहती है. कुछ लोग इसे नींबू पानी कहते हैं तो कुछ की नजर में फ्रूट जूस है. अगर आप भी इसी उधेड़बुन में हैं तो जल्द ही आपको इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. आपके इस सवाल की गुत्थी सुलझाने का जिम्मा अब सुप्रीम कोर्ट ने ले लिया है.

  1. अब निम्बूज की कैटेगरी डिसाइड करेगा सुप्रीम कोर्ट
  2. फ्रूट जूस है या लेमोनेड, इस पर कई सालों से चल रही चर्चा  
  3. एक्साइज ड्यूटी से जुड़ा मामला होने की वजह से SC करेगा सुनवाई

इसलिए सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

DNA हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार निम्बूज को फ्रूट जूस कहा जाए या लेमोनेड? इस सवाल पर पिछले 7 सालों से चर्चा हो रही है.अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, इस पर जल्द ही सुनवाई भी होने वाली है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही तय हो पाएगा कि निम्बूज फ्रूट जूस कैटेगरी में आता है या लेमोनेड (Lemonade). दरअसल यह मामला इस प्रोडक्ट की एक्साइज ड्यूटी से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर सुप्रीम कोर्ट में चर्चा होगी.

दो जजों की पीठ करेगी सुनवाई 

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याचिका पर जस्टिस एमआर शाह और बीवी नागरत्न की दो न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी. 11 मार्च को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये निर्देश दिया है. निंबूज का मामला 2015 से कोर्ट में चल रहा है. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद निंबूज की कैटेगरी साफ हो जाएगी. एक बार शीर्ष अदालत द्वारा मुद्दा तय किए जाने के बाद उत्पाद पर लगने वाला उत्पाद शुल्क निर्धारित करने की समस्या का भी हल हो जाएगा.

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कंपनी ने दायर की थी याचिका

आपको बता दें कि आराधना फूड्स नाम की एक कंपनी ने साल 2015 में यह याचिका दायर की थी. इसमें मांग की गई थी कि निम्बूज को 'फ्रूट पल्प या फ्रूट जूस' कैटेगरी के बजाय नींबू पानी यानी लैमोनेड के रूप में वर्गीकृत किया जाए. इस पर सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (CESTAT) की इलाहाबाद पीठ के न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति पी वेंकट सुब्बा राव ने अपने फैसले में निम्बूज को फलों के रस पर आधारित कैटेगरी में रखा था. अब इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अप्रैल में सुनवाई होने वाली है. 

2013 में लॉन्च हुआ था निम्बूज

निम्बूज को साल 2013 में पेप्सिको ने लॉन्च किया था. इसे असली लेमन जूस विद नो फिज कहकर बाजार में पेश किया गया था. इसी के बाद निम्बूज की इस कैटेगरी को लेकर विवाद शुरू हो गया था. पूछा जाने लगा कि यह फ्रूट जूस है या लेमोनेड! 

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