जम्मू-कश्मीर में अब 'कोरोना आतंकवाद' का खतरा, PAK सेना और आतंकियों की खतरनाक साजिश
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जम्मू-कश्मीर में अब 'कोरोना आतंकवाद' का खतरा, PAK सेना और आतंकियों की खतरनाक साजिश

पिछले हफ्ते कश्मीर घाटी में भारतीय सेना के उच्चाधिकारियों ने इस बारे में चेतावनी भी दी है. 

(प्रतीकात्मक तस्वीर )

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकवादी  (Terrorist) अब कोरोना वायरस (Coronavirus) का हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं. ये खतरनाक साजिश पाक अधिकृत कश्मीर (pok) में रची जा रही है और इसमें पाकिस्तानी सेना के अधिकारी शामिल हैं. पिछले हफ्ते कश्मीर घाटी में भारतीय सेना के उच्चाधिकारियों ने इस बारे में चेतावनी भी दी है. 

  1. 800 पाक सैनिक कोरोना से संक्रमित 
  2. 41 पाक सैनिक को अस्पतालों में रखा गया 
  3. पाकिस्तानी सेना से आतंकवादियों में भी हुआ संक्रमण 

पाकिस्तानी सेना में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है. सूचना के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के 41 सैनिक इस समय कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हैं, जिन्हें कोरोना के लिए तैयार अस्पतालों में रखा गया है. 

ये अस्पताल लाइन ऑफ कंट्रोल के पास हैं ताकि इनके बारे में लीक होने वाली खबरों पर नियंत्रण रखा जा सके. लेकिन कोरोना से संक्रमित होने वाले पाकिस्तानी फौजियों की तादाद 800 के पार है और इनमें से ज्यादातर एलओसी पर तैनात हैं. यहीं आतंकवादियों के लांच पैड्स हैं. 

भारतीय सेना को जो खबर चिंता में डाल रही है वो पाकिस्तानी सेना से आतंकवादियों में संक्रमण की है. खबर के मुताबिक बड़ी संख्या में आतंकवादी पाकिस्तानी सेना के संपर्क में आने की वजह से संक्रमित हो चुके हैं. इन आतंकवादियों को क्वारंटाइन या अस्पताल न भेजकर आईएसआई भारतीय सीमा में धकेल रही है. 
इनको बताया जाता है कि अब तुम्हारा बचना नामुमकिन है इसलिए बड़ी आतंकवादी वारदात करके मरो. इनके ज़रिए कश्मीर में कोरोना संक्रमण की हालत विस्फोटक हो सकती है. पिछले हफ्ते दक्षिण कश्मीर में चार आतंकवादियों के मारे जाने के बाद राष्टीय राइफल्स की विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल ए सेनगुप्ता ने आम लोगों से आतंकवादियों की खाना न देने की अपील भी की क्योंकि ये कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. 

पिछले साल धारा 370 खत्म होने के बाद यह पहली गर्मियां हैं और अंदेशा है कि पाकिस्तान इनका भरपूर फायदा उठाने की कोशिश में है. सीमा पार आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप्स को पूरी ताक़त के साथ शुरू किया गया है. इनमें बालाकोट कैंप से बचे हुए आतंकवादी सरगनाओं को ट्रेनिंग के लिए लगाया गया है. 

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