आज Rajya Sabha पर होंगी सबकी निगाहें, मंजूरी के लिए पेश होगा OBC Amendment Bill; लोकसभा लगा चुकी है मुहर
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. लोकसभा में बिल ध्वनिमत से पारित होने के बाद इसके राज्यसभा में भी पास होने की उम्मीद है.
नई दिल्ली: ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल (OBC Amendment Bill) आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था, जहां वह ध्वनिमत से पारित हो गया. बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े थे, जबकि सदन के किसी भी सदस्य ने इसका विरोध नहीं किया. यह विधेयक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार देता है. राज्यसभा में भी बिल के पारित होने की पूरी संभावना है.
Congress ने सरकार से की ये मांग
संविधान में 127वें संशोधन के लिए लाए गए विधेयक को आज राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. फिर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह देशभर में कानून के तौर पर लागू हो जाएगा. इस नए कानून से राज्यों को स्थानीय स्तर पर जातियों को ओबीसी आरक्षण की सूची में शामिल करने का मौका मिलेगा. लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस (Congress) सहित कई दलों ने केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना कराए जाने की भी मांग की है. इसके अलावा आरक्षण की सीमा को भी 50 फीसदी से ज्यादा किए जाने की मांग की गई.
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दूर होगी Maharashtra की दिक्कत
ओबीसी आरक्षण संशोधन बिल के राज्यसभा में पारित होने से महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण के फैसले को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि आरक्षण के दायरे में जातियों को जोड़ने-घटाने का अधिकार केंद्र के पास है. राज्य में मराठा आरक्षण का मुद्दा काफी लंबे समय से चला आ रहा है. लिहाजा अब जब राज्यों को स्थानीय स्तर पर जातियों को ओबीसी आरक्षण की सूची में शामिल करने का अधिकार मिल जाएगा, तो शिवसेना सरकार मराठा आरक्षण पर आगे बढ़ सकेगी.
Bill से BJP को भी फायदे की आस
संशोधित विधेयक के कानून बनने से भाजपा (BJP) को भी फायदे की आस है. खासतौर पर उसे महाराष्ट्र में इसका लाभ मिल सकता है. केंद्र में सत्ताधारी दल भाजपा महाराष्ट्र की सत्ता से बाहर है और राज्य में अपनी जड़ें फिर से जमाने में ये बिल उसकी मदद कर सकता है. भाजपा बिल का क्रेडिट लेकर मराठा वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है. जिस तरह से कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया है, उससे इसके राज्यसभा में भी पास होने की पूरी उम्मीद है.